किसे कहते हैं ब्लैक मनी
मोटे तौर पर वह आमदनी काला धन कहलाती है जिस पर टैक्स की देनदारी बनती है लेकिन उसकी जानकारी टैक्स डिपार्टमेंट को नहीं दी जाती है। काले धन की ये परिभाषा नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनैंस ऐंड पॉलिसी (NIPFP) के अनुसार बतायी गयी है।

काला धन जमा करने के तरीके
काला धन खासतौर पर दो तरीकों से आता है पहला गैरकानूनी और गलत तरीका है जिसमें तमाम आपराधिक गतिविधियां जैसे किडनैपिंग, स्मगलिंग, पोचिंग, ड्रग्स, अवैध खनन, जालसाजी और घोटाले आते हैं। इसके साथ सरकारी अधिकारियों का रिश्वतखोरी और चोरी से भ्रष्टाचार द्वारा कमाया गया पैसा भी इसी काले धन की सूची में शामिल है। दूसरा तरीका है अपनी आमदनी को संबंधित विभागों से छुपाना। इसमें कानूनी तरीके से कर बचाने के लिए अपनी आय की जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नहीं देना आता है। एक अनुमान के अनुसार इसी वजह से सबसे ज्यादा काला धन पैदा होता है।

जानें क्‍या है काले धन का चक्‍कर

कैसे फैलता है काला धन
हर देश की अर्थव्यवस्था को जांचने के लिए एक इनपुट आउटपुट रेशियो होता है। हर देश में निश्चित राशि के इनपुट पर उसी मात्रा में सामान का उत्पादन होता है। ऐसे में यदि आउटपुट कम होता है तो इसका मतलब है माना जाता है कि आउटपुट को दबाया जा रहा है, जिससे पता चलता है कि कहीं ना कहीं धन की जमाखोरी हो रही है। वैसे बदलती अर्थाव्यवस्था और स्ट्रक्चर के चलेते ये काले धन को पकड़ने का ये उतना कामयाब तरीका नहीं रह गया है। इसी लिए काले धन को की जानकारी पाने का एक और तरीका भी है। इसके लिए इकॉनमी के साइज के हिसाब से करेंसी सर्कुलेशन की तुलना की जाती है। दरसल करेंसी का इस्तेमाल सामान्य और समानांतर इकॉनमी दोनों में होता है। छोटी इकॉनमी में बहुत ज्यादा करेंसी सर्कुलेशन होने का मतलब यह होता है कि वहां समानांतर इकॉनमी भी है। ये समानांतर इकॉनामी काले धन की ही देन होती है।

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