क्यों नहीं चल पाते पानी पर
दरसल इस बात को समझने के लिए हमें उप्लावन के सिद्धांत यानि लॉ आफ बॉयेंसी को जानना होगा। जिसे ऑर्कमडीज का सिद्धांत भी कहते हैं। जिसके तहत पानी में कोई चीज डुबाने पर उसके वजन के बराबर जल बाहर आ जाता है। यानि उप्लावन बल के चलते ही कोई वस्तु या व्यक्ति पानी में तैरता या डूबता है। यानि पानी में तैरते रहने के लिए आवश्यक है कि पानी में डूबी हुई चीज का वजन अपने आयतन के बराबर पानी के वजन से कम हो। यही कारण है कि बड़े बड़े जहाजो के तल खोखले और हवा से भरे हुए बनाये जाते हैं। जिस कारण जहाज के पानी में डूबे हुए हिस्से का वजन पानी से बहुत कम होता है और पानी जहाज पर ऊपर की ओर उप्लावन बल लगाता है जिससे जहाज तैर पाता है। तो अगर हमें पानी पे चलना है तो हमें अपने वजन के बराबर पानी हटाना पड़ेगा। ऐसा संभव नहीं है क्योंकि हमारे पंजे बहुत छोटे होते हैं और पर्याप्त मात्रा में जल नहीं हटा सकते। अगर हमारे पंजे लम्बे होते और जरूरत भर पानी हटा पाते तो हम पानी में बिना डूबे उस पर चल सकते थे।

क्‍या हम पानी पर चल सकते हैं!

कैसे चल चकते हैं बिना डूबे
अब अगर हमारी ख्वाहिश है कि हम बिना डूबे पानी पर चल सकें तो ये कुछ रास्ते हैं।

  • नंबर एक- हमें पानी पे अपने पंजो को जोर से पटकना पड़ेगा ताकि हर कदम पर आवश्यक पानी डिस्प्लेस हो जाये, या बहुत तेज गति से भागना होगा ताकि हमारे वजन को मेजर करने के पहले हम पानी से आगे निकल जायें।
  • नंबर दो- गुरुत्वाकर्षण कम करके भी हम पानी पर चल सकते हैं। यानि अगर पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण चांद जितना हो जाये तो आप पानी पर बिना डूबे चल पायेंगे।
  • नंबर तीन- पानी का घनत्व बढ़ा कर भी ऐसाकर सकते हैं।
  • नंबर चार- पानी की सघनता बढ़ा कर भी ऐसा किया जा सकता है।

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