1. क्या होता है बजट?

देश का बजट एक लीगल डॉक्यूमेंट होता है। जोकि विधानमंडल द्वारा पास कराया जाता है। इसे देश का राष्ट्रपति एप्रूव करता है। भारत सरकार प्रत्येक फाइनेंशियल ईयर में होने वाले खर्चे का ब्यौरा पेश करती है। इसे ही बजट कहा जाता है।

2. कितने प्रकार के होते हैं बजट?

केंद्रीय बजट दो प्रकार का होता है। पहला - रेलवे बजट जोकि रेलवे फाइनेंस का ब्यौरा देता है। जबकि दूसरा जनरल बजट होता है, जोकि पूरे साल सरकार के आय और व्यय का लेखा जोखा बनाता है।

3. बजट की क्या आवश्यकता है?

सामान्य स्थिति में बजट निर्माण की प्रक्रिया सितंबर से शुरू हो जाती है। सभी मंत्रालयों, विभागों और स्वायत्त निकायों को सर्कुलर भेजा जाता है, जिसके जवाब में विवरण के साथ उन्हें आगामी वित्तीय वर्ष के अपने-अपने खर्च, विशेष परियोजनाओं का ब्यौरा और फंड की आवश्यता की जानकारी देनी होती है। यह बजट की रूपरेखा के लिए एक आवश्यक कदम हैं।

4. किस तरह तैयार होता है बजट?

वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी, विशेषज्ञ, प्रिंटिंग टेक्निशियन और स्टेनोग्राफर्स नार्थ ब्लॉक में एक तरह से कैद में रहते हैं और आखिरी के सात दिनों में तो बाहरी दुनिया से एकदम कट जाते हैं। वे परिजन से भी बात नहीं कर सकते हैं। किसी आपातकालीन स्थिति में, इन अधिकारियों के परिवार उन्हें दिए गए नंबर पर संदेश छोड़ सकते हैं लेकिन उनसे सीधे बात नहीं कर सकते।

5. बजट बनाने के लिए क्या हैं जरूरी डॉक्यूमेंट्स?

भारतीय संविधान के आर्टिकल 122 के अनुसार, देश का आम बजट बनाने के लिए 14 जरूरी डॉक्यूमेंट्स की आवश्कता होती है। जोकि निम्न हैं.....

- Annual Financial Statement

- Demands for Grants

- Receipts Budget

- Expenditure Budget Volume 1

- Expenditure Budget Volume 2

- Finance Bill

- Appropriation Bill

- Memorandum explaining the provisions in the Finance Bill

- Budget at a Glance

- Highlights of the Budget

- Macro-economic policy framework for the relevant financial year

- Fiscal Policy Strategy Statement for the Financial year

- Medium term Fiscal Policy Statement

- Medium term Expenditure Framework Statement

6. कब होती है प्रिंटिंग?

वित्त मंत्री का भाषण एक सबसे सुरक्षित दस्तावेज है। यह बजट की घोषणा होने के दो दिन पहले मध्यरात्री में प्रिंटर्स को सौंपा जाता है।

7. लोकसभा में कब पेश किया जाता है बजट?

वित्त मंत्री के बजट का भाषण आमतौर पर दो भागों में संसद में प्रस्तुत होता है। पहले बजट फरवरी के आखिरी वर्किंग डे पर शाम 5 बजे पेश होता था लेकिन 1999 से यह फरवरी के आखिरी वर्किंग डे पर सुबह 11 बजे पेश होने लगा।

8. 2014 में दो बार क्यों आया था बजट?

जिस साल लोकसभा चुनाव होते हैं। तब बजट दो बार पेश किया जाता है। पहला -वोट ऑन एकाउंट बजट होता है तो दूसरा कुछ महीने बाद फुल बजट पेश किया जाता है।

9. कितने समय का बनाया जाता है बजट?

आमतौर पर बजट 11 महीने का तैयार किया जाता है। जोकि अप्रैल से शुरु होकर अगले साल की मार्च तक चलता है।

10. कैसे होती है इसकी निगरानी?

संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में इंटेलिजेंसी ब्यूरो के अधिकारी बजट बनाने वाली टीम की गतिविधियों और फोन कॉल्स पर नजर रखते हैं। स्टेनोग्राफर्स पर सबसे अधिक नजर रखी जाती है। साइबर चोरी की आशंका से बचने के लिए इन स्टेनोज के कम्प्यूटर्स नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) सर्वर से अलग रहते हैं। एक पॉवरफुल मोबाइल जैमर नार्थ ब्लॉक में कॉल्स को ब्लॉक करने और जानकारियों के लीक होने से बचने के लिए इंस्टॉल किया जाता है।

11. क्या है बजट सर्कुलर?

सितंबर महीने में बजट सर्कुलर इश्यू किया जाता है। यह बजट बनने की प्रक्रिया का पहला चरण है। इसके लिए मंत्रालय पिछले साल के इस्टीमेट को रिवाइज करता है और आने वाले साल का बजट इस्टीमेट तैयार करता है।

12. योजना खर्च और गैर-योजना खर्च क्या है?

योजना खर्च का सीधा आशय उत्पादक व्यय से है, जिससे इकोनॉमी की उत्पादक क्षमता भी बढ़ती है। वहीं गैर-योजना खर्च में इंट्रेस्ट पेमेंट, सब्सिडी, वेज, सरकारी कर्मचारियों की सैलरी, पेंशन आदि खर्चे शामिल होते हैं।

13. बजट भाषण में क्या होता है?

फरवरी महीने के आखिरी वर्किंग डे पर वित्त मंत्री संसद में बजट पढ़ते हैं। बजट स्पीच की तैयारी में विभिन्न डिपार्टमेंट/ मिनिस्टर्स सरकार को जरूरी जानकारी उपलब्ध करवाते हैं। वित्त मंत्री की स्पीच के सभी फैक्ट्स और फिगर्स को चेक करने के बाद इसे बजट डिविजन को रिफर कर दिया जाता है।

14. भारत का कॉन्सोलिडेटेड फंड क्या है?

भारतीय संविधान के आर्टिकल 266(1) में कॉन्सोलिडेटेड फंड का जिक्र किया गया है, सरकार के मुख्य बैंक एकाउंट के परिप्रेक्ष्य में इस टर्म का यूज किया गया है। यह सरकार के कोष का मुख्य अंग होता है। इसके अंतर्गत सरकार द्वारा इकठ्ठा की गई रेवेन्यू, उधार लिया गया पैसा और सरकार द्वारा बांटा गया लोन सहित कई और धन शामिल किए जाते हैं।

15. कब आया 'काला बजट'?

भारतीय इतिहास में 1973-74 का बजट 'काला बजट' के नाम से जाना जाता है। इस साल सरकार को 550 करोड़ का वित्तीय घाटा हुआ था।

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