कानपुर। पंकज उधास का जन्म 17 मई, 1951 में हुआ था और इन्होंने अपनी गायकी की शुरुआत खुद के बनाए एल्बम 'आहट' से की थी जो साल 1980 में रिलीज हुआ था। इसके बाद 'मुक्करर' और 'तरन्नुम' जैसे कई और एल्बम बनाए।

2. पंकज उधास की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली गजल चिठ्ठी आई है 31 साल की हो चुकी है। इस साल 31 अगस्त को इस गजल के रिलीज होने के पूरे 32 साल हो जाएंगे।


3. 30 अगस्त, 1986 में फिल्म नाम रिलीज हुई थी। इस फिल्म में पकंज उधास की गजल चिठ्ठी आई है भी फिल्माई गई थी। पकंज की ये गजल लोगों को काफी भावुक कर देती है। इसे सुन कर आज भी लोगों की आंखों में आंशू आ जाते हैं।

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पकंज उधास ने इस गजल को अपनी आवाज भले ही दी हो पर इसके पीछे और भी लोगों को महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस गाने में फिल्म की कास्ट ने तो बेहतरीन स्क्रीन अपीयरेंस दिया ही है। साथ ही म्यूजिक डायरेक्टर लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने इसका निर्देशन किया है और इसके लिरिक्स आनंद बक्शी के साथ मिलकर महेश भट्ट ने लिखे हैं।


5. पकंज उधास की गजलों ने तो लोगों के दिलों को छुआ ही था। उस समय पकंज उदस के अलावा कई और गजल गायक और म्यूजिशियन फेमस हुए। उस वक्त अनूप जोलोटा जैसे बेहतरीन सिंगर और क्लासिकल सिंगर का भी जलवा काफी चलता था।

6. मिड डे के मुताबिक पंकज उधास ने फरीदा उधास से शादी की फिर उनकी दो बेटियां हुईं नायाब और रीवा। खास बात ये है कि पकंज ने अपने समय में गजल गायकी से खूब नाम कमाया पर उनकी दोनों बेटियां ऐसा नहीं कर पाईं। फिलहाल इस बात का पंकज को कोई अफसोस नहीं है।


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पकंज उधास की कुछ फेमस गजलों में से एक है 'चिठ्ठी आई है', 'थोडी़-थोडी़ पिया करो', 'एक तरफ उसका घर' और 'दुख-सुख ता उसका' जैसी गजलें गा कर लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई।

8. पंकज उधास ने सिर्फ फिल्मों में ही नहीं बल्कि खुद के एल्बम बना गायकी का प्रदर्शन किया। इसमें से कुछ एल्बम हैं 'आहट', 'नशा', 'मेहफिल', 'महक', 'नाबील', 'नायाब' और 'रुबाई' है। इन सभी एल्बम्स को लोगों ने खूब पसंद किया।


9. पकंज उधास को उनकी शानदार गायकी के लिए साल 2006 में पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। ये अवॉर्ड पकंज उधास को उनके गाने 'चिठ्ठी आई है' में बेहतरीन प्लेबैक सिंगर की आवाज देने के लिए मिला था। 

निकलो न बेनकाब.. जमाना खराब है

गजल गायिकी में प्रयोग की जगह नहीं-उधास

 

 

 

 

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