अक्सर कहा जाता है कि इच्छाओं का कोई अंत नहीं और ऐसा हम सभी के साथ होता है कि हमारी एक इच्छा ज्यों ही पूरी होती है दूसरी हमारे सामने होती है और यह सिलसिला कभी खत्म नहीं होता है. लेकिन क्या अपनी इच्छाओं के पूरा होने और पूरा ना होने के अच्छे-बुरे एक्सपीरियंस के आगे भी डिजायर हमारे लिए इम्पॉर्टेंट है? एक मल्टीनेशनल कम्पनी में मार्केटिंग मैनेजर राकेश शर्मा कहते हैं, ‘जीवन में हम उन्हीं चीजों की खोज में जुटे रहते हैं, जिन्हें हम अपनी जरूरत समझते हैं. हां डिजायर के जरिए हम यह जान जाते हैं कि हमें किस चीज की जरूरत है.

 Empowerment through desire

यानी डिजायर हमारी जरूरतों को जानने का जरिया है और इस तरह अपनी जरूरतों को पूरा करते हुए हम खुद को बेहतर बना सकते हैं.
दिल्ली में बीपीओ में काम कर रहे रत्नेश कहते हैं, ‘अगर हमें ज्यादा से ज्यादा पैसे की चाहत होती है तो इसका मतलब हम सिक्योरिटी, फ्रीडम या पॉवर चाहते हैं और मानते हैं कि ये पैसे से पूरी की जा सकेगी. इसी तरह जब हम रिलेशनशिप की जरूरत महसूस करते हैं तो इससे पता चल जाता है कि कहीं न कहीं हमें लव, इंटिमेसी और इमोशनल सपोर्ट की जरूरत है.

Desire = ‘Have a need for’

आप डिजायर वर्ड की जगह
हैव अ नीड फॉरयूज करें तो डिजायर का मतलब समझना आसाना होगा. जैसे आई डिजायर सिक्योरिटी, आई डिजायर लव, आई डिजायर एक्साइटमेंट की जगह आप इसे आई हैव अ नीड फॉर सिक्योरिटी’ ‘आई हैव अ नीड फॉर लव’ ‘आई हैव अ नीड फॉर एक्साइटमेंटभी कह सकते हैं.

यानी जब हमें किसी चीज की जरूरत होती है तभी उसकी इच्छा होती है. हमें किसी चीज की जरूरत तभी होती है जब उसकी कमी महसूस करते हैं. जब आप खुद को सिक्योर और सेफ्टी फील करते हैं तो आपको सेफ्टी और सिक्योरिटी की जरूरत नहीं होती है क्योंकि आपको इसकी कमी महसूस नहीं होती है.