-को-ऑपरेटिव कॉलेज में दो स्टूडेंट्स के मार्क शीट में पहले पास और बाद में फेल लिखा मिला

-पार्ट टू का एडमिट कार्ड लेने आने पर बताया गया कि वे फेल हैं जबकि पहले के मार्क शीट में पास दिखाया गया था

द्भड्डद्वह्यद्धद्गस्त्रश्चह्वह्म@द्बठ्ठद्ग3ह्ल कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) में एक बार फिर स्टूडेंट्स के कॅरियर के साथ खिलवाड़ का मामला सामने आया है। को-ऑपरेटिव कॉलेज में बीसीए के दो स्टूडेंट्स अंकित और आलोक थर्सडे को पार्ट टू का एडमिट कार्ड लेने कैंपस पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि वे पार्ट वन में फेल हैं इसलिए उनका एडमिट कार्ड बनकर नहीं आया है। यह सुनते हुए वे दोनों आश्चर्य में पड़ गए। प्रिंसिपल ने उनका एडमिशन रजिस्टर खंगाला तो पता चला कि पार्ट टू में एडमिशन के समय उन्होंने जो मार्क शीट की कॉपी सब्मिट की थी उसमें उन्हें पास बताया गया है। अब सबसे बड़ा सवाल है कि इन दोनों स्टूडेंट्स के एक साल बर्बाद होने की जिम्मेवारी कौन लेगा?

तो पहले मार्क शीट में पास कैसे कर दिया?

कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ आरके दास ने कहा कि एडमिट कार्ड नहीं आने पर जब उन्होंने केयू के एग्जामिनेशन कंट्रोलर डॉ गंगा प्रसाद से बात की तो उन्होंने कहा कि फेल स्टूडेंट्स का एडमिट कार्ड कैसे बन सकता है। यानी केयू के पास जो रिकार्ड है उसमें अंकित और आलोक फेल हैं जबकि उनके पास जो पार्ट वन की मार्क शीट है उसमें वे पास हैं। सवाल यह है कि अगर वे फेल थे तो मार्क शीट में फेल होना चाहिए था, इसके बाद उन्होंने पार्ट टू में एडमिशन भी ले लिया और एग्जामिनेशन फॉर्म भी भर लिया तो इसमें किसकी गलती है?

इन दोनों स्टूडेंट्स के मामले में यूनिवर्सिटी लेवल से गलती तो हुई है। मार्क शीट में पास लिखा हुआ जबकि केयू के एग्जाम डिपार्टमेंट का कहना है कि ये फेल हैं। इनका बीसीए पार्ट टू का एडमिट कार्ड भी नहीं आया है। मैं इस सिलसिले में एग्जामिनेशन कंट्रोलर से बात करूंगा।

- डॉ आरके दास, प्रिंसिपल को-ऑपरेटिव कॉलेज