JAMSHEDPUR: कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) सहित कंस्टीचुएंट कॉलेजों में सेवा दे रहे दर्जन से अधिक शिक्षकों की पीएचडी की डिग्री जांच के दायरे में आने वाली है। जानकारी के अनुसार केयू की वीसी डॉ। शुक्ला माहांती ने इस मुद्दे पर विश्वविद्यालय के आला अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया है। कहा गया है कि सबसे पहले वर्ष 2009 के बाद पीएचडी की उपाधि जमा करने वाले शिक्षकों का ब्यौरा तैयार किया जाए। इसके बाद कमेटी के गठन पर निर्णय लिया जाएगा। मामले में विश्वविद्यालय के समक्ष की गई शिकायत में कहा गया है कि विश्वविद्यालय सहित अलग-अलग कॉलेजों में करीब 15 शिक्षकों ने वर्ष 2009 के बाद पीएचडी की डिग्री जमा की है। विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच संबंधित प्रकरण में जांच कराने को लेकर सैद्धांतिक सहमति बनी है। आधिकारिक घोषणा होने की देर है।

जांच कमेटी को भेजे गए दस्तावेज

कंप्यूटर लैब निर्माण संबंधी शिकायतों की जांच टीम की ओर से जांच करने के बाद तलब किए गए दस्तावेजों को जांच टीम के हवाले कर दिया गया है। जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज के प्राचार्य डॉ। एनआर चक्रवर्ती ने कंप्यूटर लैब के निर्माण से संबंधित दस्तावेज कोल्हान विश्वविद्यालय की जांच कमेटी को भेज दिए हैं। इसमें टेंडर की प्रक्रिया से लेकर भुगतान के बाद किए गए संशोधन तक की जानकारी है। संबंधित कागजात विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी के नाम से भेजे गए हैं। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत करीब 60 लाख की लागत से महाविद्यालय में कंप्यूटर लैब का निर्माण कराया गया। इसके निर्माण व स्थापित कंप्यूटरों को लेकर कई शिकायतें विवि को की गई। विश्वविद्यरालय ने इसकी जांच के लिए पूर्व में प्रोवीसी प्रो डॉ रणजीत कुमार सिंह के नेतृत्व में कमेटी गठित की। कमेटी की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद कुलपति ने एक और उच्च स्तरीय कमेटी गठित की। संबंधित कमेटी ने कॉलेज के अपने निरीक्षण में कई दस्तावेजों की मांग की जिसे कॉलेज ने जांच टीम को भेज दिया है।

पीएचडी डिग्री की जांच को ज्ञापन

2009 के बाद पीएचडी की उपाधि लेने वाले शिक्षकों के डिग्री की जांच की मांग को लेकर शनिवार को छात्र आजसू ने ग्रेजुएट कॉलेज स्थित विश्वविद्यालय के शाखा कार्यालय पर प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप है कि कोल्हान विश्वविद्यालय के कई शिक्षकों ने गलत तरीके से फर्जी डिग्री प्राप्त की है। ऐसे में इनकी पीएचडी डिग्री की जांच होनी चाहिए और दोषी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई भी होनी चाहिए। छात्रों का आरोप है कि संबंधित शिक्षकों ने नियमों का उल्लंघन कर यह सब किया। छात्र आजसू के प्रमुख हेमंत पाठक ने कहा कि इन शिक्षकों ने सेवा में रहते पीएचडी की डिग्री हासिल की है जो नियम संगत नहीं है। विरोध-प्रदर्शन में छात्र आजसू के बड़ी संख्या में छात्र शामिल हुए। हेमंत पाठक ने कहा कि अगर 48 घंटे के अंदर जांच का आदेश कुलपति ने नहीं किया तो छात्र आजसू उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।