लदाख में रिक्शा और विश्वशांति

कोलकाता में रहने सत्येन दास ने विश्व में शांति बनाए रखने के कार्य में अपना योगदान देने के लिए कोलकाता से लदाख तक रिक्शा चलाया. सत्येन दास कहते हैं कि उन्होंने यह साहसिक कार्य ऐसा कार्य करने वाले पहले व्यक्ति बनने के उद्देश्य से किया है. 44 वर्षीय दास ने बतासा कि झारखंड, यूपी, श्रीनगर और लदाख का खारदुंग ला दर्रे को पार किया है. गौरतलब है कि सत्येन दास चाहते हैं कि 5000 किलोमीटर की ऊंचाई पर रिक्शा चलाने के लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराना चाहिए.

क्लब से मिली आर्थिक मदद

सत्येन दास की इस साहसिक यात्रा में आर्थिक रुप से एक क्लब ने मदद की. क्लब से सचिव पाथरे डे कहते हैं कि दास कि यात्रा के बारे में हमारी टीम ने अनुमान लगाया था कि इस यात्रा पर लगभग 80000 रुपये खर्च होंगे. इसलिए हमनें क्लब के मैंबर्स से राशि जुटाकर सत्येन दास की यात्रा में लगाई.

डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर गया साथ

रिक्शा चालक सत्येन दास के साथ एक डॉक्यूमेंट्री मेकर भी गया था. गौरतलब है कि इस डॉक्यूमेंट्री मेकर ने सत्येन दास की मदद नक्शों और रास्ते खोजने में की. सत्येन दास ने इससे पहले अपनी वाइफ और बेटी के साथ रिक्शे से रोहतांग तक की यात्रा कर चुके हैं.

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