इनकी रही मौजूदगी
मीटिंग में वीसी डॉ सलिल कुमार रॉय के अलावा रजिस्ट्रार डॉ डीएन महतो, सीसीडीसी एससी महतो, सिंडिकेट मेंबर डॉ राजीव कुमार, एफए ब्रजेश तिवारी, एफओ सुधांशु कुमार,  आर्किटेक्ट और यूनिवर्सिटी इंजीनियर प्रजेंट थे।

नई बिल्डिंग की ऐसी हालत देख बनी थी जांच कमिटी
को-ऑपरेटिव कॉलेज और ग्रेजुएट कॉलेज की बीएड बिल्डिंग के बनने के 2 साल के अंदर ही उसकी दीवारों में दरार आ गई और छत से पानी टपकने लगा। को-ऑपरेटिव की बिल्डिंग 72 लाख और ग्रेजुएट की बिल्डिंग लगभग 64 लाख रुपए की लागत से बनाई गई थी। ऐसा होने पर कोल्हान यूनिवर्सिटी द्वारा सिंडिकेट मेंबर राजेश शुक्ला की अध्यक्षता में जांच कमिटी बनाई गई थी। जांच कमिटी ने इंजीनियर के साथ कॉलेज की इस बिल्डिंग में विजिट किया और फाइनली इंजीनियर ने अपनी रिपोर्ट जांच कमिटी को सौंपी जिसे केयू के वीसी के सुपुर्द कर दिया गया। इसके बाद ही वेडनेसडे को हुई बिल्डिंग कमिटी की मीटिंग में यह फैसला लिया गया।

'को-ऑपरेटिव की बीएड बिल्डिंग बनाने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी को इंस्ट्रक्शन भेज दिया गया है। ग्रेजुएट कॉलेज के लिए भी ऐसा ही इंस्ट्रक्शन दो दिनों के अंदर भेज दिया जाएगा। 5 साल में फिर गड़बड़ी सामने आई तो सिक्योरिटी मनी जब्त होगी.'
- डॉ एससी महतो, सीसीडीसी केयू

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