छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) परीक्षा समिति की बैठक प्रोवीसी डॉ। रणजीत कुमार सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित हुई। इसमें आठ शोधार्थियों के पीएचडी वाइवा रिजल्ट के प्रकाशन पर रोक लगायी गई। बताया गया कि जब पीएचडी घोटाले की जांच पूरी नहीं होती तब तक रिजल्ट का प्रकाशन नहीं किया जा सकता। इसके अलावा यूजी प्रथम सेमेस्टर के तीन, यूजी पार्ट टू के एक तथा मेडिकल सेकेंड ईयर के दो छात्रों को परीक्षा में कदाचार के आरोप में एक साल के लिए तथा एक और मेडिकल के छात्र को दो साल के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया। बैठक में प्रोवीसी के अलावा परीक्षा नियंत्रक डॉ। पीके पाणि, साइंस एवं कॉमर्स डीन, एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधि के रूप में डॉ। विनीता सहाय व डॉ। सुजाता सहाय उपस्थित थे।

दुबारा नहीं होगी परीक्षा

बुधवार को चाईबासा स्थित केयू के मुख्यालय में आयोजित परीक्षा समिति की बैठक में यूजी प्रथम सेमेस्टर तथा पीजी प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा से वंचित छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा नहीं लेने का निर्णय लिया गया। ये छात्र अगले सेमेस्टर में प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा दे सकेंगे। इसके अलावा यूजी सिलेबस जितने भी 50 नंबर के विषय है, उनकी परीक्षा समय सीमा को डेढ़ घंटे करने का प्रस्ताव एकेडमिक काउंसिल को भेजा गया। वर्तमान इन विषयों की परीक्षा तीन घंटे की होती है।