ऑपरेशन ब्लू स्टार की अगुआई करने वाले रिटायर्ड लेफ़्टिनेंट जनरल  कुलदीप सिंह बरार और उनकी पत्नी का 'लंदन में पीछा किया गया था जिसके बाद एक छुरे से उनका गला काटने की कोशिश की गई'.

लंदन के सदर्क क्राउन कोर्ट में जारी सुनवाई में ये जानकारी सामने आई है. पिछले साल 30 सितंबर को 78 वर्षीय बरार पर  लंदन में हमला हुआ था.

बर्मिंघम के 34 वर्षीय  मनदीप सिंह संधू और लंदन के 36 वर्षीय दिलबाग़ सिंह ने हत्या के इरादे से हमले के आरोप से इनकार किया है.

पश्चिमी लंदन की 38 वर्षीया हरजीत कौर भी आरोपों को अस्वीकार कर रही हैं.

वोल्वरहैंपटन के 33 वर्षीय बरजिंदर सिंह सांघा चौथे अभियुक्त हैं और उन्होंने जनवरी में हुई एक सुनवाई के दौरान ही घातक हमले के इरादे की बात  स्वीकार कर ली थी. उन्हें मुक़दमे की सुनवाई के बाद सज़ा सुनाई जाएगी.

ऑपरेशन ब्लू स्टार

सरकारी वकील एनाबेल डारलो ने बताया कि 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में भारतीय सेना की कार्रवाई में बरार की भूमिका को देखते हुए उन पर जानबूझकर हमला किया गया था.

लेफ्टिनेंट जनरल बरार ने उस सैन्य कार्रवाई का नेतृत्व किया था.

जब बरार पर लंदन में हमला हुआ तब वह और उनकी पत्नी मीना छुट्टियाँ मना रहे थे. उन्हें चेहरे और गले पर गहरे घाव लगे थे.

मामले की सुनवाई कर रही ज्यूरी को बताया गया कि जब अभियुक्तों को ये पता चला कि लेफ़्टिनेंट जनरल बरार लंदन में हैं तो उन्होंने दो दिनों तक उनके आवागमन पर नज़र रखी.

हमले की रात कौर ने बरार और उनकी पत्नी का पीछा किया. पीछा करते हुए वह एक कसीनो और रेस्तराँ भी गई. इतना ही नहीं कौर ने पीछा करते हुए उसी बस में सफ़र किया जिसमें बरार और उनकी पत्नी जा रहे थे.

पीछा हुआ

लंदन में 'पीछा करके बरार पर हुआ था हमला'

डारलो ने बताया, "कौर ने एक अहम भूमिका निभाई. चुपचाप से उन्होंने बरार और उनकी पत्नी का पीछा किया और वे ये भी नहीं जान पाए कि उनका पीछा हो रहा है."

बरार और उनकी पत्नी जब होटल लौट रहे थे तभी उन पर हमला हुआ था. भागने के दौरान हमलावरों में से एक का मोबाइल फ़ोन गिर गया जिससे पुलिस को अहम सुराग़ मिले.

स्वर्ण मंदिर के अंदर छिपे चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भारतीय सेना सिखों के सबसे पवित्र स्थानों में से एक स्वर्ण मंदिर में दाखिल हुई. इस कार्रवाई में सैकड़ों लोग मारे गए.

मरने वालों में जरनैल सिंह भिंडरावाला भी थे जिनके नेतृत्व में चरमपंथी सिखों के लिए एक अलग राज्य खालिस्तान की मांग कर रहे थे.

ऑपरेशन ब्लूस्टार को लगभग 30 वर्ष हो चुके हैं. लेकिन बरार को अब भी भारत में जेड श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है

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