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PRAYAGRAJ: कुंभ मेला मेला के दूसरे प्रमुख शाही स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर अखाड़ों ने सनातन परंपरा का निर्वहन करते हुए शाही स्नान के लिए संगम के लिए निकले। संन्यास परंपरा के अन्तर्गत आने वाले अखाड़ों के नागा संन्यासी व संत-महात्माओं का समूह हर-हर महादेव, ऊं नम शिवाय का जयकारा लगाते हुए शाही अंदाज में अलौकिक छटा बिखेरते हुए चलते रहे तो वैरागी परंपरा के अखाड़ों के संन्यासी व महामंडलेश्वरों ने ढोल-ताशा की धुन पर जय श्रीराम, जय श्रीराम व सीताराम-सीताराम का उद्घोष करते रहे। संतों द्वारा सेक्टर सोलह से लेकर संगम नोज तक सड़क के दोनों किनारों पर खड़े श्रद्धालुओं के जनसमूह को देखकर जगह-जगह आशीर्वाद स्वरूप फूलों की वर्षा भी की गई।

सवा पांच बजे छावनी में शंखनाद
मेला प्राधिकरण द्वारा तय क्त्रम के अनुसार सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी व श्री पंचायती अखाड़ा अटल ने संयुक्त रूप से जुलूस निकाला। शंखनाद के बीच रथ पर रखे चांदी के सिंहासन पर आचार्य महामंडलेश्वर व श्रीमहंत अपने शिष्यों के संग सवार होकर निकले तो आगे-आगे नागा संन्यासियों का समूह हर-हर महादेव का जयकारा लगाकर दौड़ते-भागते रहे। संगम नोज के पास पहुंचते ही नागा संन्यासी तेजी के साथ स्नान के लिए दौड़ने लगे। इसके बाद श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी व श्री पंचायती अखाड़ा आनंद का जुलूस छावनी से निकला। जुलूस का आकर्षण नागा संन्यासियों के करतब से छाया रहा। हाथों में चिलम और बोल बम, बोल बम के जयकारे के साथ भक्ति गीतों पर झूमते हुए स्नान को पहुंचे।

अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन, रामनाम की गूंज
वैरागी परंपरा के अन्तर्गत आने वाले अखिल भारतीय श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाडा़, अखिल भारतीय श्रीपंच दिगम्बर अनी अखाड़ा व श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा का शाही जुलूस एक के पीछे एक अपनी-अपनी छावनी से स्नान के लिए निकला। जहां दिगम्बर अनी अखाड़े के जूलस में संन्यासी गतका, पट्टा व फरसा का करतब दिखाते हुए लगातार दौड़ते रहे तो निर्वाणी अनी अखाड़े के संन्यासी हनुमानजी की गदा, भाला का करतब दिखा रहे थे। रास्ते भर खड़े श्रद्धालुओं के ऊपर त्यागी संन्यासियों ने फूल फेंककर आशीर्वाद दिया। इस दौरान कई त्यागी संन्यासी खुद की तस्वीर अपने कैमरे से खींच रहे थे तो श्रद्धालुओं ने जय श्रीराम का जयकारा बुलंद किया। हजारों की संख्या में त्यागी संन्यासी व महात्मा जब संगम के नजदीक पहुंचे तो जैसे-जैसे वे दौड़ते हुए जा रहे थे वैसे-वैसे श्रद्धालु भी उनके पीछे-पीछे दौड़ते रहे।

शांत भाव से पहुंचे उदासीन
क्रम के अनुसार सबसे आखिरी में श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन उसके बाद श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन व फिर श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के संतों ने शाही स्नान के लिए अपनी छावनी से शांत भाव से निकले। वीवीआईपी मार्ग से लेकर संगम नोज तक शांत होकर पहुंचे।