करोड़ों में कमाई

5 से लेकर 10 रुपए में बेचा जाता है फूल

20 से 25 रुपए एक नारियल का दाम

5 रुपए में सिंदूर की एक पुडि़या देते हैं

5 रुपए से 10 रुपए तक लच्छी दाना प्रसाद का लिया जाता है

40 से 50 रुपए के बीच एक श्रद्धालु का प्रसाद पड़ जाता है

manish.mishra@inext.co.in
PRAYAGRAJ: कुंभ में लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के साथ बड़ा खिलवाड़ किया रहा है। एक बार मां गंगा को चढ़ाए जा चुके फूल और नारियल का कई बार सौदा किया जा रहा है। सफाई कर्मचारियों से लेकर कारोबारियों के बीच बड़ा नेटवर्क इसको बाकायदा अंजाम दे रहा है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट आज वह खुलासा करने जा रहा है जिसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे।

ऐसे हो रहा खेल
दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर जब संगम पहुंचा और वहां मां गंगा को अर्पित किए जा रहे फूल और नारियल सहित अन्य पूजा सामग्रियों को पड़ताल की तो चौंकाने वाला सच सामने आया। कुंभ में प्रशासन द्वारा घाट पर अधिक संख्या में सफाई कर्मचारियों को लगाया गया है। श्रद्धालुओं के पूजा करते ही जाल से फूल और नारियल के साथ अन्य पूजा सामग्री छानकर सफाईकर्मी बाहर निकाल देते हैं। फिर उसे घाट से थोड़ी दूरी पर ही कचरे के ढेर के पास ले जाया जाता है। वहां नारियल और फूल के साथ अन्य पूजा सामग्री को अलग-अलग छांट दिया जाता है। पलक झपकते ही वह पूजा की उन्हीं दुकानों पर पहुंच जाता है जहां से उसकी बिक्री एक बार पहले ही की जा चुकी होती है।

रिपोर्टर ने तह तक की पड़ताल
दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने तह तक पड़ताल करने के लिए सफाई कर्मचारियों का उस स्थान तक पीछा किया जहां से पूरा नेटवर्क काम कर रहा है। पहले जाल से निकाली जा रही पूजा सामग्रियों के बारे में पूरी पड़ताल की। फिर उसका पीछा कर वहां पहुंचा जहां से फूल और नारियल को छांटने से लेकर, चलते-फिरते दुकानदारों को दिया जा रहा था। इस स्टिंग ऑपरेशन में एक सफाईकर्मी ने चौंकाने वाला खुलासा किया।

ऐसे हुई रिपोर्टर से सफाईकर्मी की बात

रिपोर्टर: मेरी दुकान है। निकाला हुआ नारियल फूल मुझे दे दोगे क्या?

सफाईकर्मी: हां, मिल जाएगा। बहुत लोग फूल-माला छानते हैं आप सबसे बात कर लीजिए।

रिपोर्टर: कैसे बेचते हो फूल और अन्य पूजा समान?

सफाईकर्मी: सब मिलेगा आप नारियल वाले से बात कर लीजिए?

रिपोर्टर: अधिक लोग हैं क्या निकालने वाले?

सफाईकर्मी: हां, बहुत लोग हैं। नाव पर जो बैठे हैं वह नारियल से लेकर और सामान निकालते हैं।

रिपोर्टर: बेचते हैं न छांटा हुआ नारियल और पूजा सामान?

सफाई कर्मी: हां, हां। तब क्या करेगा, इतना सारा।

फूल और नारियल का बड़ा कारोबार
स्नान के बाद गंगा मां को फूल और नारियल चढ़ाने का बड़ा महत्व है। ऐसी मान्यता है स्थान के बाद मां गंगा की उपासना से मोच्छ की प्राप्ति होती है। लेकिन आस्था के इस महाकुंभ में बड़ा खेल किया जा रहा है। कर्मकांड के जानकारों का कहना है कि ऐसा करना बड़ा पाप है। एक बार चढ़ चुके फूल और नारियल जूठे हो जाते हैं और दोबारा उनका भोग या अर्पण नहीं किया जा सकता है।

धर्म के अनुसार चढ़ाई गई पूजा सामग्री जूठी होती है। पुन: उसी पूजा सामग्री को देवताओं को अप्रित करना शास्त्र में दोष माना गया है। ऐसे में कुंभ जैसे महा आयोजन में इस तरह की मनमानी पर अंकुश लगाया जाना चाहिए।
-आचार्य कृष्णकांत मिश्र,

शास्त्र में चढ़ाए गए पूजा सामग्री को दोबारा चढ़ाया जाना धार्मिक अपराध माना गया है। ऐसा अपराध करने वालों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, धन के लालच में आस्था का सौदा नहीं किया जाना चाहिए।
-डॉ श्रीपित त्रिपाठी, संस्थापक मार्तण्य ज्योतिष