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20 मीटर टायर किलर लगाए जाएंगे

01.64 करोड़ रुपए का आएगा खर्च

12 से 15 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आएंगे

3200 हेक्टेयर में बसेगा मेला

20 सेक्टर्स में डिवाइड रहेगा मेला एरिया

-लोन वुल्फ अटैक से बचाव के लिए संगम क्षेत्र में होगा टायर किलर तकनीक का इस्तेमाल

ajeet.singh@inext.co.in

PRAYAGRAJ: 'लोन वुल्फ अटैक' के खौफ में पूरी दुनिया जी रही है। यह खतरा कुंभ मेले पर भी मंडरा रहा है। खासतौर पर इस्लामिक स्टेट (आईएस) द्वारा मलयालम भाषा में जारी क्लिप के बाद तो शासन-प्रशासन कोई भी चांस लेने के मूड में नहीं है। इस बड़े आतंकी हमले से निपटने के लिए तैयारियां भी बड़े स्तर पर चल रही हैं। कुंभ के दौरान लोन वुल्फ अटैक जैसे आतंकी हमले को फ्लॉप करने के लिए टायर किलर तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए पुलिस प्रशासन द्वारा प्रस्ताव तैयार कर उसे शासन में भेज दिया गया है।

कस ली है कमर

मेले को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए जहां हर विभाग जुट गया है। मेले में चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था और अभेद्य सुरक्षा इंतजाम को लेकर नई तकनीकों पर काम चल रहा है। मेला क्षेत्र को जाने वाली प्रमुख सड़कों पर संदिग्ध तेज रफ्तार वाहनों को रोकने के लिए 20 मीटर टायर किलर लगाए जाएंगे। जानकारी मुताबिक इसे मेला क्षेत्र में लगाने के लिए करीब 1.64 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। गौरतलब है कि इस बार मेले में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।

कुंभ जैसे मेलों के लिए चेतावनी

दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने आने वाले दिनों में भारत में लोन वुल्फ अटैक की धमकी दी है। मीडिया रिपोटरें के मुताबिक 10 मिनट लंबी ऑडियो क्लिप मलयालम भाषा में रिलीज की गई है। इसमें कुंभ मेले और केरल के त्रिसूरपुरम जैसे लोकप्रिय त्योहारों में भीड़ पर अमेरिका के लास-वेगास जैसे लोन वुल्फ हमले के लिए कहा गया है। हालांकि यह क्लिप नवंबर 2017 की है, लेकिन कुंभ जैसे बड़े आयोजन को देखते हुए इसे इग्नोर नहीं किया जा सकता।

ऐसे होता है लोन वुल्फ अटैक

-लोन वुल्फ अटैक हमले का वो तरीका है जिसमें आतंकी रोजमर्रा या साधारण चीजों का इस्तेमाल करते हैं।

-लोन वुल्फ हमलावर इंटरनेट या किसी अन्य माध्यम के जरिए आतंकी संगठनों के जुड़े होते हैं और उनसे प्रेरणा लेकर हमला करते हैं।

-इसमें छोटे हथियारों, चाकुओं, आदि का इस्तेमाल किया जाता है।

-हमले में अकेला शख्स ही पूरे अटैक को अंजाम देता है।

-लोन वुल्फ अटैक का मकसद अकेले दम पर ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने का होता है।

-इस तरह के हमलावर का पता लगाना पुलिस के लिए मुश्किल होता है। क्योंकि हमले के लिए किसी बड़े बजट, बड़ी योजना या बड़ी टीम की जरूरत नहीं होती।

-इससे प्लान का पता लगाना और उसे फेल करना खुफिया एजेंसियों के लिए भी काफी मुश्किल है।

-आतंकी संगठन आईएसआईएस के आतंकी अक्सर ऐसे हमले करते हैं।

क्या है टायर किलर तकनीक

-इस तकनीक में लोहे के नुकीले कांटों को सड़कों पर बिछा देते हैं।

-किसी वाहन द्वारा घटना को अंजाम देने के बाद भागने पर एक बटन दबाते ही कांटे के बाहर आ जाते हैं और वाहन के टायर पंक्चर हो जाते हैं।

-इस तकनीक से टयूबलेस टायर भी तुरंत ध्वस्त हो जाते हैं और वाहन वहीं मौके पर ही खड़ा जाता है।