-कुंभ मेला में बारह करोड़ श्रद्धालुओं की आने की संभावना देखकर मेला प्राधिकरण ने बसावट का एरिया बढ़ाया

ALLAHABAD: यूनेस्को से कुंभ मेला को सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किए जाने के बाद इसकी महत्ता में चार चांद लग गया है। इसके प्रभाव की वजह से संगम की रेती पर अगले साल होने जा रहे मेला में बारह करोड़ श्रद्धालुओं के आने की प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने संभावना जताई है। यही वजह है कि पहली बार पांच सौ हेक्टेयर मेला की बसावट करने का फैसला किया था। अब दूसरी बार बसावट का एरिया बढ़ाकर सात सौ हेक्टेयर कर दिया गया है। दो बार एरिया बढ़ाए जाने के बाद कुंभ मेला कुल 3200 हेक्टेयर में बसाने की योजना बनाई गई है।

एरिया के साथ सेक्टर का भी दायरा बढ़ा

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने 3200 हेक्टेयर में मेला बसाने की तैयारी की है तो उसी के अनुपात में मेला क्षेत्र को बीस सेक्टरों में विभाजित किया जाएगा। इसके लिए झूंसी और फाफामऊ में दो-दो सेक्टर और अरैल व छतनाग एरिया में क्रमश : एक-एक नया सेक्टर बनाया जाएगा। जबकि अरैल से लेकर फाफामऊ तक के 3200 हेक्टेयर के विशाल भू-भाग में चौदह सेक्टर बनाए जाएंगे।

सर्वे पूरा, बारिश बाद काम शुरू

कुंभ मेला के लिए संत-महात्माओं की संस्थाओं को जमीन आवंटन की प्रक्रिया अक्टूबर महीने के बाद शुरू होगी लेकिन। मेला एरिया में सितम्बर के बाद सुविधाओं से संबंधित बिजली, पानी, सड़क व पाण्टून पुल बनाने का काम शुरू कराने की योजना बनाई गई है।

साल दर साल बढ़ता दायरा

2013 कुंभ मेला

2000 हेक्टेयर का मेला एरिया था।

14 सेक्टर बनाए गए थे अरैल से नागवासुकी मंदिर के बीच।

2500 हेक्टेयर मेला क्षेत्र निर्धारित किया गया था पहली बार इस बार कुंभ के लिए

3200 हेक्टेयर कर दिया गया है मेला एरिया बढ़ाकर सर्वे के बाद।

20 सेक्टर में डिवाइड होगा इस बार मेला एरिया।

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सर्वे का कार्य पूरा करने के बाद मेला का क्षेत्रफल 3200 हेक्टेयर करने का निर्णय लिया है। करोड़ों श्रद्धालुओं को दिव्य और भव्य कुंभ का एहसास हो इसके लिए मेला का एरिया बढ़ाया गया है।

-विजय किरण आनंद,

कुंभ मेलाधिकारी