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PRAYAGRAJ: संगम की रेती पर चंद दिनों के बाद शुरू होने जा रहे कुंभ मेला के जरिए श्रद्धालुओं की ऐसी आस पूरी हो जाएगी जिसकी लालसा लेकर कुंभ या अ‌र्द्धकुंभ में देश-दुनिया से करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज आते रहे हैं। जीहां, इस बार कुंभ मेला की अवधि में प्रयाग के सात तीर्थ नायकों का दर्शन श्रद्धालु आसानी से कर सकेंगे। इसकी बड़ी वजह यही है कि पीएम नरेन्द्र मोदी सोलह दिसम्बर को प्रयागराज आए थे तो उन्होंने अकबर के किला में चार दशक से ज्यादा समय से बंद अक्षयवट का दर्शन किया था। उसी वक्त यह ऐलान भी किया कि मेला के दौरान इसका दर्शन करने का अवसर श्रद्धालुओं को दिया जाएगा।

प्रयाग महात्म्य का श्लोक होगा चरितार्थ
पंडित विद्याकांत पांडेय की मानें तो शताध्यायी प्रयाग महात्म्य में एक श्लोक ऐसा है कि जिससे सातों तीर्थो का जिक्र है। सदियों से श्लोक में अक्षयवट का भी नाम है। जो इस कुंभ में चरितार्थ होने जा रहा है। श्री पांडेय ने बताया कि 'त्रिवेणीयम्, माधवम्, सोमम्, भारद्वाजम्, चवासुकि। बंदे अक्षयवटम्, शेषम् प्रयागम् तीर्थ नायकम्'्। जिसका अभिप्राय यह है कि त्रिवेणी में डुबकी लगाने के बाद यहां के द्वादश माधव, सोमनाथ, भारद्वाज मुनि आश्रम व शेषनाथ का दर्शन करने के बाद प्रयाग का तीर्थ पूरा होता है।

श्लोक के अनुसार सात तीर्थ नायक

-त्रिवेणीयम् : गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती का संगम

-माधवम् : प्रयागराज के अलग-अलग स्थानों पर स्थित द्वादश माधव मंदिर

-सोमम् : सोमेश्वर महादेव मंदिर, अरैल

-भारद्वाजम् : कर्नलगंज स्थित भारद्वाज मुनि आश्रम

-चवासुकि : दारागंज स्थित नागवासुकि मंदिर

-अक्षयवटम् : ऐतिहासिक किला में स्थित अक्षयवट

-शेषम् : सलोरी स्थित शेषनाथ मंदिर

पांच दिनों में पूरी होगी दर्शन की तैयारियां
अकबर के किले में स्थित अक्षयवट के दर्शन के लिए इस समय सेना व प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अक्षयवट के मुख्य प्रवेश द्वार को बनाने का काम, रैंप बनाने का कार्य व बैरीकेडिंग करने जैसा कार्य पांच दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद अक्षयवट को खोलने का निर्णय लिया जाएगा। इतना ही नहीं सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए अक्षयवट से लेकर सरस्वती कूप तक डेढ़ दर्जन सीसीटीवी कैमरा लगाने की भी योजना बनाई गई है।

यह प्रयागराज में कुंभ मेला के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पुनीत अवसर होगा। जब उन्होंने प्रयाग के सात तीर्थ नायकों का दर्शन करने को मिलेगा। बस अक्षयवट का ही दर्शन नहीं हो पाता था। लेकिन इस बार प्रयाग महात्म्य का श्लोक पूरी तरह से चरितार्थ होने जा रहा है।

-महंत नरेन्द्र गिरि, अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद