- अप्रैल 2012 से नहीं जमा किया है सदस्यता शुल्क, मार्च 2015 तक बकाया था 10,80000 रुपए

- आश्रम के स्टाफ की मिलीभगत से चल रहा खेल, प्रशासनिक अधिकारियों को भनक तक नहीं

 

GORAKHPUR: जिला प्रशासन की उदासीनता ने शहर के राजेन्द्र नगर स्थित कुष्ठ आश्रम को अवैध प्राइवेट सदस्यों के रहमो-करम पर छोड़ दिया है। सदस्यता के नाम पर फायदा उठाने वाले इन लोगों ने आज तक न तो आश्रम के लिए कुछ किया और न ही सदस्यता शुल्क ही जमा किया है। वर्ष 2012 में तत्कालीन डीएम रवि कुमार एनजी ने कुष्ठ आश्रम के लिए प्राइवेट सदस्य नामित किए थे। जो समय से अपना सदस्यता शुल्क जमा भी करत थे। लेकिन पुराने सदस्यों के चल जाने के बाद जुड़े लोगों ने मनमानी शुरू कर दी। डीएम के आदेश पर उनके बकाए की डीटेल तैयार हुई जिसमें सदस्यता शुल्क दस लाख अस्सी हजार रुपए बाकी मिला था। लेकिन उनके तबादले के बाद उस डीटेल को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। वह बकाया आज बढ़कर बीस लाख रुपए से ऊपर पहुंच चुका है। हद तो ये कि तब से हर डीएम के साथ ये सदस्य आश्रम से जुड़ी कवायदों के लिए बाकायदा मीटिंग भी करते रहे हैं। लेकिन अब तक आश्रम सचिव सिटी मजिस्ट्रेट से लेकर अन्य अधिकारियों का इस ओर ध्यान ही नहीं गया।

 

अधिकारियों को पता ही नहीं

बता दें, राजेंद्र नगर स्थित कुष्ठ आश्रम की स्थापना 1951 में बाबा राघव दास द्वारा की गई थी। आश्रम के पास 80 के दशक तक आधुनिक ऑपरेशन थियेटर, लैब, पांच वार्ड, हस्तकरघा, कृषि कार्य के लिए दो ट्रैक्टर, तीन जीप हुआ करते थे, लेकिन आज कुछ भी नहीं है। वर्तमान में आश्रम की व्यवस्था प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता की भेंट चढ़ चुकी है। डीएम अध्यक्ष, एडीएम सिटी उपाध्यक्ष और सिटी मजिस्ट्रेट सचिव हैं। आश्रम में भर्ती रोगियों की सारी जरूरतें इनको पूरी करनी होती है। लेकिन बाहरी प्राइवेट सदस्यों के भरोसे व्यवस्था छोड़ अधिकारी बैठे हुए हैं। सूत्रों की मानें तो इन प्राइवेट सदस्यों ने 2012 से सदस्यता शुल्क के इतने बड़े बकाए की भनक तक अधिकारियों को नहीं लगने दी है। इन्हीं अवैध सदस्यों को डीएम के साथ बैठाकर लगातार बैठकें कराई जा रही हैं।

 

2012 में खत्म हो जाती सदस्यता

आश्रम की पंजीकृत नियमावली की सदस्यता समाप्ती की शर्तो को माना जाए तो सदस्यता शुल्क जमा न करने वाले सदस्यों की सदस्यता 2012 में ही समाप्त होनी चाहिए थी। लेकिन आश्रम के कुछ स्टाफ अपने स्वार्थ में इन्हें सदस्य बनाए हुए हैं। इनके द्वारा अगर सही तथ्यों से अधिकारियों को अवगत कराया होता तो पहले ही इन लोगों पर कार्रवाई हो गई होती।

 

वर्जन

कुष्ठ आश्रम से संबंधित क्या समस्या है, अभी मुझे जानकारी नहीं है। इसके लिए मैं संबंधित अधिकारियों से बात करूंगा। उसके बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

- के विजयेंद्र पांडियन, डीएम