CHAMPARAN/PATNA: राष्ट्रीय लोक समता पार्टी प्रमुख सह केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने गुरुवार को मोतिहारी नगर भवन के मैदान में आयोजित ¨चतन शिविर में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियां- -याचना नहीं अब रण होगा, संघर्ष बड़ा भीषण होगा को दोहराते हुए अपने राजनीतिक स्टैंड का संकेत दिया। हालांकि अभी खुलकर एनडीए से अलग होने की घोषणा नहीं की। लेकिन नीतीश की सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लेते हुए कहा कि बड़े भाई के जिस 15 साल को नीतीश कोसते थे अब वही सवाल इनके लिए भी है। उस 15 साल की तुलना में यह 15 साल कहीं ज्यादा खराब है। हमने उनसे शिक्षा के स्तर में सुधार की मांग की थी। 25 सूत्री सुझाव भी दिया था। लेकिन, नीतीश कुमार कहते हैं कि हमने लेट से दिया है।

क्या यही नीतीश मॉडल है?

उन्होंने कहा कि हम यहां बताना चाहते हैं कि वह मांग हमने डेढ़ साल पहले की थी। शिक्षा में नीतीश मॉडल की बात की जाती है। मगर क्या नीतीश मॉडल यही है, जहां शिक्षकों को गिनती तक नहीं आती। वे अपने पत्राचार का पता भी नहीं लिख सकते। बच्चों को कैसी शिक्षा देंगे। जो थोड़े-बहुत शिक्षक अच्छे हैं, उन्हें खिचड़ी कार्य में लगा दिया गया है। नीतीश मॉडल के विद्यालय भोजनालय हो गए हैं। हम एमडीएम का विरोध नहीं करते। लेकिन, इस कार्य से काबिल शिक्षकों को अलग किया जाए। अन्य प्रांतों की तरह यह व्यवस्था किसी दूसरी एजेंसी को दी जाए। अब नीतीश सुशासन की बात नहीं करते। उन्हें डर रहता है कि भीड़ कहीं यह न पूछ दे कि प्रदेश में जो स्थिति है, वही सुशासन है।