-काशी विद्यापीठ में कन्वोकेशन के लिए एमजेएमसी का टॉप टेन लिस्ट जारी न करने पर स्टूडेंट्स हुए नाराज,

-भूख हड़ताल की सूचना मिलते ही यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने जारी की लिस्ट

VARANASI

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में कन्वोकेशन के लिए एमजेएमसी में टॉप किये स्टूडेंट्स की लिस्ट जारी न होने से नाराज स्टूडेंट्स रविवार को पंत प्रशासनिक भवन के सामने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए। एमजेएमसी की छात्राओं के भूख हड़ताल पर बैठने की खबर मिलते ही यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन में हड़कम्प मच गया। कुछ देर बाद ही चीफ प्रॉक्टर प्रो। शंभू उपाध्याय व पत्रकारिता संस्थान के डायरेक्टर प्रो। ओपी सिंह स्टूडेंट्स से मिलने पहुंचे। स्टूडेंट्स की बात सुनने के बाद तत्काल कदम उठाने का आश्वासन दिया। तब जाकर स्टूडेंट्स ने भूख हड़ताल समाप्त किया। इसके बाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने आनन-फानन में टॉप टेन की लिस्ट जारी की। छात्राओं का कहना रहा कि बार बार विश्वविद्यालय प्रशासन से शिकायत करने के बाद भी उनकी मांग पूरी नहीं की गयी। जिसके चलते उन्हें मजबूरन भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा। बता दें कि यूनिवर्सिटी में क्0 अक्टूबर को दीक्षांत समारोह है जिसके लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।

एनटीपीसी कैंपस बना बहाना

यूनिवर्सिटी मेन कैंपस सहित एनटीपीसी, सिंगरौली में भी एमए एमजेएमसी का कोर्स संचालित हो रहा है। मेन कैंपस में लास्ट ईयर में पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स का रिजल्ट डिक्लेयर हो चुका है लेकिन एनटीपीसी कैंपस का रिजल्ट अब तक डिक्लेयर नहीं हुआ है। कारण कि वहां पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स का अभी तक प्रैक्टिकल एग्जाम ही नहीं हुआ है। इसको देखते हुए यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने इस कोर्स के टॉप टेन की लिस्ट को रोक दिया था। सात अक्टूबर को परीक्षा समिति की बैठक में अन्य कोर्सेज की लिस्ट पर मुहर लग गयी। पत्रकारिता के स्टूडेंट्स को जब इसकी भनक लगी तो वे नाराज हो गए। इसकी कम्प्लेन स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रार से की। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। तब स्टूडेंट्स ने अगले दिन भूख हड़ताल करने का डिसीजन लिया।

छात्रनेताओं को किया मना

भूख हड़ताल का कोई राजनैतिक फायदा न उठा सके इसका भी स्टूडेंट्स ने ध्यान रखा। सुबह भूख हड़ताल स्टार्ट होते ही मौके पर कई छात्रनेता पहुंच गए। वे उनके साथ बैठते, इसके पहले ही भूख हड़ताल कर रहे स्टूडेंट्स ने उन्हें मामले को राजनैतिक न बनाने की गुजारिश की, और उन्हें अपने साथ बैठने से मना कर दिया।