बंद कमरे में एलयू छात्रा ने दर्ज कराए बयान

- आरोपी प्रोफेसर ने भी रखा पक्ष

- आज पेश होगी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट

LUCKNOW :

लखनऊ यूनिवर्सिटी के फ्रेंच कोर्स में अपने प्रोफेसर द्वारा शारीरिक उत्पीड़न किए जाने की शिकायत दर्ज कराने वाली छात्रा ने शुक्रवार को वीसी की ओर से प्रारंभिक जांच को बनाई गई कमेटी के सामने अपने बयान दर्ज कराए। कमेटी के सदस्यों ने छात्रा से उसके अभिभावकों के सामने बंद कमरे में बयान दर्ज कराए हैं। इस दौरान किसी भी व्यक्ति को अंदर आने नहीं दिया गया। बताते चलें कि एक दिन पूर्व एलयू में फ्रेंच विषय में अध्यनरत एक छात्रा ने अपने प्रोफेसर शैलेंद्र प्रताप सिंह पर शारीरिक रूप से छेड़छाड़ कर शोषण करने का आरोप लगाते हुए प्रॉक्टर से लिखित शिकायत की थी। इस शिकायत को लेकर एलयू वीसी ने तत्काल एक प्रारंभिक जांच कमेटी का गठन कर उसे दो दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे।

न्याय न मिलने पर कोर्ट जा सकते है अभिभावक

इसको लेकर शुक्रवार को यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से छात्रा व उसके अभिभावकों को यूनिवर्सिटी बुलाकर बंद कमरे में छात्रा से उसके घटना के संदर्भ में बयान दर्ज कराए गए। सूत्रों के अनुसार छात्रा ने अपनी लिखित शिकायत के अनुरूप ही अपने बयान दिए हैं। वहीं दूसरी ओर इसको लेकर आरोपी प्रोफेसर शैलेंद्र प्रताप सिंह ने भी प्रारंभिक कमेटी के सामने उपस्थित होकर अपने पक्ष में बयान दर्ज कराए। सूत्रों की मानें तो छात्रा के अभिभावकों ने इस मामले को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन से गुजारिश की है कि उन्हें व उनकी बेटी को न्याय मिलना चाहिए। अभिभावकों के अनुसार अन्यथा की स्थिति में वह कानून की शरण में भी जाएंगे। गौरतलब है कि एलयू वीसी की ओर से बनाई गई मौजूदा कमेटी अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट तय समयसीमा के अनुरुप आज सौंपेगी। इसका अवलोकन करने के बाद वीसी की सहमति से विशाखा गाइडलाइन के अनुसार एक कमेटी का निर्धारण किया जाएगा।

जांच तक पद से हटाए जा सकते हैं प्रोफेसर

एलयू सूत्रों के अनुसार प्रारंभिक कमेटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद एलयू वीसी इसको लेकर कोई प्रारंभिक निर्णय ले सकते हैं। साथ ही उनकी संस्तुति के आधार पर विशाखा गाइडलाइन आधारित कमेटी की जांच को शुरू किया जा सकता है। जांच पूरा होने तक की अवधि के दौरान आरोपी प्रोफेसर को उनके पद व कार्य से विरत करने का निर्णय एलयू वीसी की ओर से लिया जा सकता है। हालांकि यह स्थिति प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगी। लेकिन विशाखा कमेटी की विस्तृत जांच को किसी भी प्रकार से प्रभावित न किया जा सके इसको लेकर वीसी की ओर से यह कदम उठाया जा सकता है।

शिक्षकों के बन रहे गुट

फ्रेंच विषय की छात्रा द्वारा अपने प्रोफेसर के ऊपर बीते एक साल से प्रताडि़त करने के आरोप को लेकर यूनिवर्सिटी परिसर में शिक्षकों में भी गुटबाजी शुरू हो गई है। कई शिक्षकों का कहना है कि कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें छात्राओं ने निजी स्वार्थ के लिए शिक्षकों पर दोषारोपण किया है। शिक्षकों का कहना है कि केवल कहने भर से कि फलां शिक्षक ऐसा है आप सच नहीं साबित कर सकते। वहीं दूसरी ओर बीते दिनों राजभवन पहुंची कई शिकायतों का उदाहरण देते हुए शिक्षकों के कई गुट इस बात को स्वीकारते हैं कि वास्तव में ऐसी घटनाएं होती हैं लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से इसको लेकर कमेटी बनाने और जांच करने तक ही सीमित कर दिया जाता है।