Lucknow: क्लास के अंदर बोलने की सजा क्या हो सकती है? ज्यादा से ज्यादा टीचर उस स्टूडेंट को डांट कर चुप करा देगा और अगर बहुत हुआ तो उसकी थोड़ी सी पिटाई कर देगा। मगर क्लास में बात करने के लिए कोई भी स्कूल किसी बच्चे का फ्यूचर नहीं खराब करेगा, लेकिन लामार्टीनियर  ब्वायज कॉलेज ने जो किया उसे सुन कर आप भी हैरत में पढ़ जाएंगे।
क्लास टेंथ में पढऩे वाले वारिस क्र(बदला हुआ नाम) को बात करने की सजा यह मिली कि उसे स्कूल से बाहर निकाल दिया गया। ऐसा सिर्फ वारिस के साथ नहीं बल्कि लामार्टीनियर  में क्लास टेंथ में पढऩे वाले 24 स्टूडेंट्स को स्कूल से बाहर निकाल दिया गया है। यही नहीं जब पैरेंट्स प्रिसिंपल से मिलने गए तो उन्होंने पहले तो कोई वजह बताने से इंकार कर दिया जब दबाव डाला तो उनसे कहा गया कि आप के बच्चे क्लास में बोलते बहुत है। इसलिए उनको बाहर निकाल दिया गया है।
किसी ने नहीं सुनी बच्चों की
लामार्टीनियर ब्वॉयज  में पढऩे वाले क्लास टेंथ के स्टूडेंट वारिस ने बोर्ड एग्जाम में 80 परसेंट से ज्यादा माक्र्स हासिल किए थे। इसके बाद उसने अपने दोस्तों के साथ सेलीब्रेट किया, लेकिन उसकी यह खुशी ज्यादा दिन तक नहीं रुक सकी। डेढ़ सप्ताह पहले वह अपने टीचर्स के लिए मिठाई लेकर स्कूल अपनी मार्कशीट लेने गया था लेकिन वारिस को मार्कशीट के साथ-साथ स्कूल वालों ने उसे टीसी भी थमा दी।
स्कूल प्रशासन ने उससे कहा कि अब स्कूल आने की कोई जरुरत नहीं। तुम किसी और स्कूल में एडमिशन लेकर अपनी पढ़ाई पूरी करो। कॉलेज के इस फरमान के बाद स्टूडेंट्स की सारी खुशी गम में बदल गई। जिस कॉलेज में उन्होंने क्लास नर्सरी से स्टडी की उसी स्कूल ने उन्हें बेवजह स्कूल से बाहर निकाल दिया। स्टूडेंट्स रोते रहे, लेकिन उनकी किसी ने भी नहीं सुनी।
कोई वजह तो बताए सर
पैरेंट्स ने बताया कि स्कूल से एक स्टूडेंट्स को नहीं निकाला गया है बल्कि यहां पर पढऩे वाले क्लास टेंथ के 24 स्टूडेंट्स को स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। पैरेंट्स ने बताया कि जब वह इस बारे में बात करने के लिए प्रिसिंपल के पास पहुंचे तो उन्होंने बताया कि आप का बेटा क्लास में बातें बहुत करता और वह डिसिप्लिन में नहीं रहता है। इसलिए उसको बाहर निकाला जा रहा है।
पैरेंट्स का कहना है कि उनका बच्चा नर्सरी और क्लास वन से यहां पर पढ़ रहा है, आज तक स्कूल से उसकी कोई शिकायत नहीं आई है। उसके बाद अचानक निकाल दिया गया। यह तो सरासर गलत है।
बिना पूर्व नोटिस के बाहर निकाला
आईसीएसई के बोर्ड एग्जाम से पहले जब स्टूडेंट्स के प्री बोर्ड एग्जाम हुए थे तब तक यह सब स्टूडेंट्स कॉलेज प्रशासन की नजर में बहुत अच्छे थे। पैरेंट्स को बुलाकर उनकी तारीफ भी की गई थी, लेकिन बोर्ड एग्जाम के बाद यह सभी स्टूडेंट्स अचानक खराब हो गए। पैरेंट्स ने बताया कि स्टूडेंट्स को निकालने से पहले उनको कोई नोटिस तक नहीं दिया गया जबकि नियमानुसार उनको नोटिस देना चाहिए था। यही नहीं लामार्टीनियर   कॉलेज ने इसकी सूचना तक गर्वनिंग बोर्ड को देना सही नहीं समझा। जिसमें चीफ सेक्रेटरी से लेकर डीएम तक शामिल है।
बीच अधर में छोड़ दिया
पैरेंट्स का कहना है कि स्कूल प्रशासन की इस हरकत ने उनके बच्चे का फ्यूचर बर्बाद कर दिया है। उनका कहना है कि अब वह अपने बच्चे का एडमिशन किस कॉलेज में कराएं। क्योंकि जिस कॉलेज में एडमिशन के लिए जाते हैं, वहां यही कहा जाता कि सीटें फुल हो चुकी हैं। अब एडमिशन नहीं हो सकता है।
पैरेंट्स ने बताया कि स्कूल की इस तानाशाही की वजह से उनके बच्चे डिप्रेशन में चले गए है और वह अब आगे पढऩा ही नहीं चाहते हैं। उनका कहना है कि अगर उनके बच्चे के साथ कुछ भी होता है तो इसके लिए सीधे तौर पर कॉलेज ही जिम्मेदार होगा। पैरेंट्स ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी और शिक्षा विभाग से की है।

मामला संज्ञान में तो आया है, लेकिन इससे जुड़ी कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर कॉलेज ने बिना नोटिस दिए किसी बच्चे को बाहर निकाला है तो इसकी जांच की जाएगी। इस तरह से किसी स्टूडेंट्स का फ्यूचर खराब नहीं होने दिया जाएगा।
राजेन्द्र सिंह, एडीआईओएस एंग्लो इंडियन स्कूल

मैं लामार्टीनियर  ब्वायज कॉलेज की गर्वनिंग कमेटी में मेम्बर हूं लेकिन स्टूडेंट्स के निकाले जाने की सूचना मुझे नहीं है। अगर इस तरह की शिकायत मेरे पास आती है तो उसकी पूरी तरह से जांच की जाएगी।
अनुराग यादव, डीएम

Report By: Abbas Rizvi
 

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