- सरकारी कामों में धड़ल्ले से काम कराया जा रहा बाल मजदूरों से

<- सरकारी कामों में धड़ल्ले से काम कराया जा रहा बाल मजदूरों से

GORAKHPUR: GORAKHPUR: क्फ् साल (काल्पनिक नाम) के रामू को दूसरों बच्चों की तरह ही रोज सुबह जल्दी उठना पड़ता है और जल्दी तैयार होना पड़ता है। अन्य बच्चों से उसकी बराबरी यहींखत्म हो जाती है। वह तैयार तो होता है, लेकिन स्कूल जाने के लिए नहींबल्कि काम पर जाने के लिए, वह ईंट तो तोड़ने का काम करता है। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार इंडिया में म्8 लाख लड़के और भ्8 लाख लड़कियां बाल मजदूरी की जाल में फंसी हुई हैं। इसमें भ् साल से क्ब् साल की आयुवर्ग के बच्चे शमिल हैं। मजदूर दिवस पर जब आई नेक्स्ट ने खंगाला तो सामने आया कि सिटी में मजदूर के साथ बाल मजदूर भी है। हद तो तब हो गई जब पाया कि एक सरकारी बंगले पर बाल मजदूरी कराई जा रही थी। आई नेक्स्ट टीम ने सिटी के चौराहों का जायजा लिया तो ऐसा लगा कि सिटी में ठेलों, दुकानों में सिर्फ बाल मजदूर काम करते हैं, जिनका कोई पुरसाहाल नहींहै।

डीआईजी बंगला कसया रोड

दोपहर- ख्.क्ब् बजे

कसया रोड पर सड़क के किनारे फुटपाथ बनाने का काम चल रहा है। डीआईजी बंगले के ठीक बाहर क्फ्-क्ब् साल का एक किशोर ईंट के ढेर पर बैठ कर हथौड़ी से ईट तोड़ रहा था। वहां दर्जनों और मजदूर काम कर रहे थे और फुटपाथ का काम कराया जा रहा था। उससे पूछे जाने पर उसने बताया कि परिवार का पेट पालने के लिए वह यह काम करता है। उससे बात करके मन में यही प्रश्न उठा कि कहां है बाल मजदूरो का उत्थान करने वाले सरकारी अभियान और समाजसेवी संस्थाएं। क्या उन्हें शहर में बाल मजदूर नजर नहींआते या वे उन बाल मजदूरी की मजबूरी देखना नहींचाहते।

छात्र संघ चौराहा

दोपहर - ख्.फ्0 बजे

उम्र करीब 8 साल। अपने कद से दोगुनी मशीन से गन्ने का रास निकालकर आदित्य (काल्पनिक नाम) इस चिलचिलाती धूप में लोगों को गन्ने का रस पिलाकर उनका गला तर करता है, लेकिन उसके माथे पर बह रहा पसीना किसी को नहींदिख रहा था। जब उससे बात की गई तो उसने फीकी मुस्कान के साथ बताया कि क्या करें साहब, कमाएंगे नहींतो खाएंगे क्या? उसका यह जवाब कई सवालों को जेहन मेंतैरा कर चला गया।

वर्जन

सरकारी काम में बच्चों से मजदूरी कराना अपराध की श्रेणी में है। अगर ऐसा हो रहा है तो संबंधित विभाग भी इसके लिए दोषी है। टीम बनाकर निरीक्षण कराया जाएगा। जरूरत पड़ने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

आर.पी गुप्ता, लेबर कमिश्नर