-एडीजी का दावा-डॉयल-100 में बाइक शामिल, अब मिलेगा बेहतर रिस्पांस

-एडीजी व एसएसपी ने मीटिंग में जताई नाराजगी, दिए निर्देश

-कई मामलों में सही तालमेल न होने से बिगड़ी है बात

GORAKHPUR: गोरखपुर में क्राइम कंट्रोल और घटना स्थल पर तत्काल मदद पहुंचाने के लिए शुरू की गई डायल 100 सेवा आपसी खींचतान में खराब हो गई है। हकीकत यह है कि घटनाओं के बाद आज भी पब्लिक को तत्काल पुलिस की मदद के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। इससे पुलिस व पब्लिक के बीच लगातार दूरी बढ़ती जा रही है और लोगों का पुलिस पर से विश्वास उठता जा रहा है। डायल-100 और थानों की पुलिस में बेहतर तालमेल नहीं होना भी क्राइम कंट्रोलिंग में बड़ी वजह बन रही है। यह चिंता एडीजी दावा शेरपा की क्राइम मीटिंग में व्यक्त की गई है।

अब तत्काल पहुंचेगी बाइक

एडीजी दावा शेरपा की अगुवाई व एसएसपी शलभ माथुर की मौजूदगी में अधिकारियों ने मातहतों के जमकर पेंच कसे हैं। ताकि क्राइम कंट्रोल के साथ ही पब्लिक को पुलिस से बेहतर रिस्पांस मिल सके। एडीजी का दावा है कि जिन गलियों में डायल 100 की गाडि़यां नहीं जा पाती, या फिर ट्रैफिक की वजह से लेट पहुंचती, उसका भी अब समाधान निकाल लिया गया है। ताकि डायल 100 पर कॉल करते ही पुलिस की गाड़ी जल्द से जल्द और किसी भी गली में पहुंच सके। इसके लिए डायल 100 में अब 32 बाइक भी शामिल की गई है। ताकि इसे पुलिस की गश्त बढ़ सके। साथ ही जहां डायल 100 की गाडि़यां नहीं पहुंच पाती, वहां भी पहुंच सके।

लापरवाही पर लगी फटकार

घटना के दौरान अधिकांश लोग पुलिस की मदद के लिए डॉयल-100 पर कॉल करते हैं। लखनऊ स्थित कंट्रोल रूम की सूचना पर गाडि़यां तो मौके पर पहुंच जाती, लेकिन थानों की पुलिस को पहुंचने में काफी वक्त लग जाता है। कई बार थानों की पुलिस व डायल-100 के कर्मचारियों में मतभेद की वजह से विवाद होते रहता है। इसे लेकर भी एडीजी व एसएसपी ने नाराजगी जताते हुए कड़े निर्देश दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि डॉयल-100 की सभी कॉल पर पुलिस को एक्टीव होना पड़ेगा। साथ ही तत्काल मौके पर पहुंचकर मामले को देखना होगा। ताकि छोटे विवाद बड़े होने से पहले ही उसे निस्तारित किया जा सके।

ट्रैफिक व रास्तें नहीं बने रोड़ा

सबसे बड़ी समस्या यह भी सामने आने लगी कि कुछ पतले रास्ते और गलियों में इस गाड़ी को पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं शहर की ट्रैफिक की वजह से भी कई बार डायल 100 की गाड़ी समय पर नहीं पहुंच पाती। ऐसे में अब इसमें 32 बाइक को शामिल किया गया है। ताकि जहां बड़ी गाड़ी नहीं पहुंच सकती, वहां तत्काल डायल 100 की बाइक पहुंच जाएगी।

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आपसी खींचतान में नहीं मिली पीडि़त को मदद

केस-1

चिलुआताल एरिया के विकास नगर में बीते दिनों एक महिला ने फंदे की उसके पति ने हत्या कर दी थी। पड़ोसियों ने इसकी 100 नंबर पर दी, लेकिन सूचना के करीब डेढ़ घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची थी।

केस-2

तिवारीपुर एरिया के बसडीला में हुई बाइक लूट की घटना के बाद सूचना पर भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। बाद में एसएसपी की पहल पर पुलिस मौके पर पहुंच मामले की पड़ताल शुरू की।

केस-3

हरपुर बुदहट इलाके में दो पक्षों के बीच हुई मारपीट के मामले में भी आरोप था कि पुलिस मौके पर तत्काल नहीं पहुंची। हालांकि जब तक पुलिस पहुंची युवक की पीटकर हत्या कर दी गई थी।

वर्जन

डायल-100 को बेहतर बनाने के लिए अब इसमें बाइक भी शामिल की गई है। ताकि गलियों और सकरे रास्तों पर भी पुलिस तत्काल पहुंच सके। वहीं, मातहतों को भी सख्त निर्देश दिया गया है कि डॉयल-100 की सूचना पर वह सिर्फ पीआरवी के भरोसे नहीं रहेंगे, बल्कि खुद मौके पर पहुंचेंगे। इसमें लापरवाही बरतने वालों को बख्सा नहीं जाएगा।

दावा शेरपा, एडीजी