- जलकल में जल अभियंताओं की 16 में से 15 पोस्ट खाली
- जीएम की मांग के बाद भी नहीं हो रही भर्ती, गर्मी के सीजन में होगी परेशानी
GORAKHPUR: गर्मी का मौसम आने के साथ गोरखपुराइट्स को पानी की सुविधा देने के लिए नगर निगम की तैयारियां तेज हो गई हैं. लेकिन जलकल में अधिकारियों के अभाव में व्यवस्था डगमगा रही है. नागरिकों की शिकायत का निवारण नहीं हो पा रहा है, विभाग के रोज के कामों की मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है और तय समय से अधिक काम करने के बाद भी कर्मचारी व अधिकारी गोरखपुराइट्स को संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं. जलकल में जेई के स्वीकृत पदों में से 14 रिक्त पड़े हुए हैं. बता दें, जलकल की स्थापना के समय ही पदों का सृजन करने के बाद से ही उसकी समीक्षा कर सुधार नहीं किया गया है. जबकि वर्ष 1981 में कनेक्शन 20 हजार व ट्यूबवेल संख्या भी 20 ही थी, अब इस संख्या में 4 से 5 गुने तक की बढ़ोत्तरी हो चुकी है.
सदन ने दिया था नियुक्ति का आश्वासन
30 मई 2018 को सदन की बैठक में जलकल में रिक्तियों को भरने पर चर्चा की गई थी. कार्यकारणी से स्वीकृति प्राप्ति के बाद सदन में चर्चा के दौरान सामने आया कि अधिकारियों की कमी के कारण नगर निगम एरिया में जलापूर्ति प्रभावित हो रही थी. कार्यकारणी व सदन में प्रस्ताव पारित कर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि नियुक्ति की कार्रवाई की जाएगी. जलकल में अधिकारियों के खाली पदों को भरने के लिए शासन को भी पत्र भेजा गया था, जिस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है. जलकल जीएम ने भी शासन को कई बार पत्र लिखकर जेई नियुक्त करने की मांग की पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है.
2010-11 से खाली हैं जेई के पोस्ट
जलकल की स्थापना के समय एक एक्सईएन, एक एई व 2 जेई के पोस्ट स्वीकृत किए गए थे. शहर की आबादी बढ़ने के साथ ही जलकल की जिम्मेदारियां भी बढ़ती गई. वर्ष 2007-8 में एक्सईएन के पोस्ट को जीएम में तब्दील कर एक एई और 2 जेई के पोस्ट और क्रिएट किए गए. लेकिन इसके बाद जलकल की जिम्मेदारियां तो बढ़ती गई लेकिन पोस्ट की समीक्षा कर नए पोस्ट का क्रिएट नहीं किए गए. हालांकि काम बढ़ने पर जल निगम के जेई अटैच करके काम लिया जाता था. 2007-2008 में जलकल में 12 जेई कार्यरत थे, इसके बाद लगातार अधिकिारियों की संख्या में हो रही गिरावट पर रोक नहीं लगाई जा सकी.
फैक्ट फिगर
पोस्ट स्वीकृत कार्यरत आवश्यकता
जीएम 1 1 0
एक्सईएन 0 1 0
असिस्टेंट ई. 1 1 4
जेई 3 1 16
निकाय में कुल भवन - 1,32,013
जल संयोजित भवन - 71,400
बचे हुए भवन - 60,613
प्रतिदिन जलापूर्ति - 126 एमएलडी
सीवर संयोजित भवन - 15,397
नगर निगम में हैंड पंप - 4217
ओवर हेड टैंक - 31
पानी के टैंकर - 19
ये काम हो रहे प्रभावित
- जलकल के कार्यो की समीक्षा नहीं हो पा रही है.
- नागरिकों की शिकायत का निवारण नहीं हो रहा.
- लीकेज की समस्या को सॉल्व करने में लंबा समय लग जाता है.
- ओवरहेड टैंक की सफाई नियमित नहीं हो पा रही.
- कार्यरत अधिकारियों पर काम का दबाव बढ़ता जा रहा है.
वर्जन
अधिकारियों की कमी के बारे में शासन को अवगत करा दिया गया है. कम संख्या होने के कारण समय से काम को पूरा करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है.
- प्रमोद गुप्ता, जीएम जलकल