भवनों में नहीं लगाए गए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

एमडीए ही जल संरक्षण पर गंभीर नहीं

Meerut: शहर के भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम न होने से वर्षा का जल सड़कों पर बह रहा है। पिछले तीन दिनों से बरस रही अमृत धारा का लाखों एमएलडी पानी नालियों में बहकर नष्ट हो गया। शहर के सरकारी व गैर-सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के न होने से वर्षा जल गंदे नालों में बह रहा है।

एमडीए ही बेपरवाह

रेन वाटर हार्वेस्टिंग को सख्ती से लागू कराने के लिए शासन ने मेरठ विकास प्राधिकरण को रेग्यूलेटरी एजेंसी बनाया है, लेकिन एमडीए खुद ही सारी प्लानिंग की धज्जियां उड़ा रहा है। ऐसा तब है जब एमडीए शहर को मानकों की दुहाई देकर रेन वाटर हार्वेस्टिंग लागू करने के निर्देश देता है। यहां तक किसी भी भवन का मानचित्र स्वीकृत करने से पूर्व एमडीए रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए बिल्डर से उतनी ही कीमत की एफडीआर जमा कराता है।

दफ्तर में खराब पड़ा सिस्टम

मेरठ विकास प्राधिकरण का ही रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम कई साल से खराब है। यह अफसरों की लापरवाही को दर्शाता है, जाहिर है कि अब सवाल उठ रहा है कि जल संचयन के लिए रेग्यूलेटरी एजेंसी कितनी गंभीर है।

खराब पड़े 16 हार्वेस्टिंग सिस्टम

एमडीए ने अपनी 16 आवासीय योजनाओं में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए थे। इनमें से दर्जन हार्वेस्टिंग सिस्टम खराब है। एमडीए सूत्रों की मानें तो एक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर एक से डेढ़ लाख रुपए का खर्च आता है। एमडीए ने अपनी आवासीय योजनाओं में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किए थे, लेकिन लाखों की कीमत के ये सारे सिस्टम लापरवाही की भेंट चढ़ गए।

इन योजनाओं में लगे सिस्टम

गंगानगर, शताब्दी नगर, रक्षापुरम, सैनिक विहार, वेदव्यासपुरी, लोहियानगर, श्रद्धापुरी, मेजर ध्यान चंद नगर आदि

एमडीए की कार्यशैली पर सवाल

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को शहर में लागू कराने की जिम्मेदारी एमडीए की है। अर्बन प्लानिंग एक्ट के अंतर्गत एमडीए ही शहर भर की कॉलोनियों, मकानों, इंडस्ट्रीज और संस्थानों के मानचित्र स्वीकृत करता है। लेकिन एमडीए ने वाटर हार्वेस्टिंग प्लान को लेकर जरा भी जिम्मेदारी नहीं दिखाई और उसका नतीजा यह है कि आज शहर में 95 इमारतें वाटर हार्वेस्टिंग मानकों को पूरा नहीं करती।

फाइलों में हो रहा जल संचयन

एमडीए नक्शा पास करते समय दस्तावेजों में सारी औपचारिकताएं पूर्ण करा लेता है। दस्तावेजों में तमाम एनओसी के साथ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की औपचारिकता भी पूर्ण कराई जाती है,लेकिन एमडीए अफसरों से सांठगांठ कर बिल्डर भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम में खर्च होने वाली रकम को अन्य कामों में यूज कर लेता है।

क्या कहते हैं आंकड़े

-95 फीसद सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

-कमिश्नरी और कलक्ट्रेट जैसे दफ्तरों में प्लान ठप

-वर्षा जल को संरक्षण को गंभीर नहीं सरकारी अफसर

-एमडीए, निगम और आवास-विकास जैसे सरकारी विभाग बने पंगु

-वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के प्रति नहीं चलाए जाते जन जागरुकता अभियान

-एमडीए स्वीकृत कॉलोनियों में भी नहीं लग रहे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

-एमडीए कार्यालय में ठप पड़ा वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

एमडीए रेन वाटर हार्वेस्टिंग की कीमत वाली एफडीआर बिल्डर से लेकर अपने पास रखता है। नियमों का अनुपालन न होने पर एमडीए एफडीआर को जब्त कर लेता है।

राजेश यादव, वीसी एमडीए