चाइनीज राखी की मांग में आई कमी, गुजरात व महाराष्ट्र की देशी राखियों की मांग बढ़ी

ALLAHABAD: चाइनीज सामानों के विरोध का असर भाई-बहन के प्यार के प्रतीक रक्षाबंधन के त्योहार पर दिखने लगा है। इस बार मार्केट में चाइनीज राखियों की मांग में कमी आई है। तीन साल बाद चाइनीज राखियां मार्केट में कम नजर आ रही हैं और गुजरात व महाराष्ट्र से आ रही 'कमल का फूल' व 'भगवा राखी' थोक व्यापारियों की पहली पसंद बनी है। शहर के लोग भी फाइबर मोती की रंगबिरंगी आकर्षक डिजाइन की राखियां पसंद कर रहे हैं।

तीन साल बाद टूटा तिलिस्म

पिछले तीन वर्ष बाजार में चाइनीज राखी का बोलबाला रहा। इस बार मार्केट बदला-बदला नजर आ रहा है। लोकनाथ के व्यापारी राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि चीन के साथ लगातार बिगड़ते रिश्ते के कारण दिल्ली की मार्केट से किसी ने माल नहीं उठाया है। उन्होंने बताया कि लाइट वाली छोटा भीम जैसी राखी लेने आ रही महिलाएं उसकी बैटरी देखकर पूछती हैं कि भइया यह चाइनीज तो नहीं है। जब उन्हें आश्वस्त किया जाता है नहीं ये इंडियन है तभी खरीद रही हैं। श्रीवास्तव ने बताया कि तीन वर्ष से दिल्ली की मार्केट से राखियों की सप्लाई इलाहाबाद में होती थी। इस बार गुजरात, महाराष्ट्र व कोलकता की मार्केट से इंडियन राखी मंगाई गई है।

ननद और भाभी का भी दिखेगा प्यार

रक्षाबंधन पर मार्केट में इस बार एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। इस बार भाई की कलाई पर बहना के प्यार की डोर दिखने के साथ ही ननद और भाभी भी त्योहार मनाते नजर आ सकती हैं। अहमदाबाद से व्यापारियों ने लुम्बा राखी और लुम्बा कड़ा मंगवाया है। दोनों राखियों की खासियत ये है कि यह गुजरात में ननद और भाभी के बीच बांधी जाती हैं। इसमें स्टोन व जड़ी के साथ झुमका भी लगाया गया है।

मार्केट का ट्रेंड और राखी की कीमत

कमल का फूल : 50 रुपए पीस

टेडी बियर राखी : 30 रुपए पीस

भगवा राखी : 30 रुपए पीस

लुम्बा राखी : 50 रुपए पीस

लुम्बा कड़ा : 30 रुपए पीस

छोटा भीम लाइट : 50 रुपए पीस

चाइना के साथ रिश्ता लगातार खराब हो रहा है। सरकार चाहे जो करे लेकिन हम लोगों ने चाइनीज आइटम का इस बार बहिष्कार करने का निर्णय लिया था।

सोनू रावत, व्यापारी

जब देश में भगवा लहरा रहा है तो हमने भी ट्रेंड को देखकर गुजरात से राखियां मंगाई हैं। भगवा राखी और कमल का फूल लोगों को खूब पसंद आ रही है।

राकेश श्रीवास्तव, व्यापारी

दिल्ली की मार्केट से इस बार राखियां नहीं मंगवाई है। जब यह पता चला कि अन्य व्यापारियों ने महाराष्ट्र से राखियों का आर्डर दिया है तो मैंने भी वहीं से फाइबर मोती की राखियां मंगाई है।

मंगली प्रसाद, व्यापारी

इस समय पूरे देश में भाजपा की बयार बह रही है तो मार्केट भी उसी रंग में रंग गया है। रेशम की डोर व फाइबर मोती से निर्मित कमल का फूल और भगवा राखी लोगों द्वारा खूब खरीदी जा रही है।

बृजेश चौरसिया, थोक व्यापारी