- सेंटर्स पर रहा कक्ष निरीक्षकों का टोटा, बुलाया 20 को तो पहुंचा एक ही टीचर ड्यूटी पर

- यूपी बोर्ड एग्जाम में अव्यवस्था का बोलबाला, कर्मचारियों ने निभाई कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी

Meerut : एशिया की सबसे बड़ी परीक्षा माने जाने वाली यूपी बोर्ड परीक्षा की शुरुआत में ही अव्यवस्था का बोलबाला रहा। परीक्षा के दौरान कक्ष निरीक्षकों की खासी कमी रही। हालात इतने बदतर थे कि मजबूरन स्कूल के कर्मचारियों व बाबुओं को ही कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी देनी पड़ी। इसके अलावा सरकारी व्यवस्था की खामियों ने भी एग्जाम की रही सही कसर निकाल दी।

नहीं पहुंचे निरीक्षक

सिटी में यूपी बोर्ड एग्जाम के लिए पूरे क्फ्क् सेंटर बनाए गए हैं। लगभग सभी सेंटर पर कक्ष निरीक्षकों को लेकर हालात बहुत बुरे रहे। किसी सेंटर पर ख्0 में से एक ही निरीक्षक पहुंचा तो किसी सेंटर पर तो निरीक्षक ही नहीं पहुंचा। एसएसडी इंटर कॉलेज लालकुर्ती में सेंटर्स की ओर से फ्0 कक्ष निरीक्षकों की डिमांड भेजी गई थी, लेकिन यहां बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से केवल एक ही कक्ष निरीक्षक पहुंच पाया। इसके अलावा अन्य कक्ष निरीक्षकों में क्9 में से केवल पांच ही कक्ष निरीक्षक पहुंचे। मल्यू सिंह आर्या कन्या इंटर कॉलेज में ख्0 कक्ष निरीक्षकों की डिमांड थी, लेकिन यहां एक भी कक्ष निरीक्षक नहीं पहुंचा। एसडी ब्वॉयज सदर में ख्0 कक्ष निरीक्षकों की डिमांड भेजी गई थी, लेकिन यहां पर भी एक भी कक्ष निरीक्षक नहीं पहुंचा। आरजी इंटर कॉलेज में दस कक्ष निरीक्षकों की डिमांड पर केवल दो ही कक्ष निरीक्षक पहुंचे। डीएन इंटर कॉलेज में फ्0 कक्ष निरीक्षकों में से केवल तीन ही कक्ष निरीक्षक पहुंचे।

लगाया कर्मचारियों को ड्यूटी पर

सेंटर्स पर कक्ष निरीक्षकों की कमी के बाद मजबूरी में स्कूल में काम करने वाले बाबुओं और कर्मचारियों को ही ड्यूटी पर लगाया गया। कहीं-कहीं तो एक रूम में केवल एक ही कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी लगाई गई। कई जगह हालात इतने बुरे रहे कि सेंटर पर प्रत्येक कक्ष में एक-एक निरीक्षक लगाना भी कम पड़ रहा था। इसलिए सेंटर्स पर कर्मचारियों की ही ड्यूटी कक्ष निरीक्षकों की जगह लगानी पड़ी।

कंट्रोल रूम का फोन रहा बंद

व्यवस्था को बिगाड़ने का सिलसिला केवल यहीं तक नहीं चला बल्कि कंट्रोल रूम में लगाया गया फोन भी ठप ही रहा। बिगड़ते हालात को देखकर व्यवस्था को बनाए रखने के लिए डीआईओएस कार्यालय के बाबुओं ने अपने पर्सनल फोन का यूज किया।

अंधेरे में दी यूपी बोर्ड परीक्षा

सेंट थॉमस हिंदी मीडियम स्कूल पर जब डीआईओएस और उनका सचल दस्ता चेकिंग के लिए पहुंचा तो वहां परीक्षा देने के लिए कक्ष निरीक्षकों का तो टोटा मिला ही। साथ ही सेंटर पर लाइट के इंतजाम भी खराब दिखे। सेंटर पर जीरो वाट के बल्ब ही कमरों में लगे हुए थे। डीआईओएस एके मिश्रा ने बताया कि सेंटर को इस मामले में अभी फिलहाल अलर्ट कर दिया गया है और व्यवस्था में सुधार करने के लिए कहा गया है।

इंतजार करता रहा सचल दस्ता

परीक्षा के दौरान आलाधिकारियों की सचल दस्ता टीम को सेंटर तक पहुंचाने के इंतजाम एकदम फ्लॉप दिखे। हालांकि शासन से परीक्षा में लगाई जाने वाली गाडि़यों के डीजल खर्च का बजट तो आया मगर यहां इस बजट का प्रयोग प्रशासन की ओर से नहीं दिखा। हुआ यूं कि उधर सुबह सात बजे से बोर्ड एग्जाम शुरू हो चुका था। एग्जाम कैसा चल रहा है यह जांच करने के लिए विभाग के बाहर सचल दस्तों की टीम खड़ी रही, लेकिन घंटों वेट करने के बाद भी गाड़ी नहीं मिली, मजबूरन प्राइवेट गाडि़यों करके सचल दस्तों को सेंटर पर जाना पड़ा।