मेडिकल कॉलेज की डिस्पेंसरी में जब आई नेक्स्ट रिपोर्टर वहां मरीजों और तीमारदारों से मिले तभी ये महाशय टकराए। वो अपने किसी जानकार को दवाएं दिलाने आए थे। इस बात को सुनने के बाद आसपास के लोगों के मन में यही सवाल आया कि आखिर मेरा कोई जानकार और रिश्तेदार यहां क्यों नहीं है?

नहीं बदले हालात

शनिवार को भी आई नेक्स्ट को शुक्रवार जैसे हालात मिले। हर तीमारदार और मरीज डिस्पेंसरी से निराश ही लौट रहा था। कोई कह रहा था कि ये दवा कहां से मिलेगी? तो कोई ये कह रहा था कि अगर मार्केट से दवा लेंगे तो घर कैसे पहुंचेंगे? आखिर डॉक्टर ऐसी दवाएं लिखते ही क्यों हैं जो डिस्पेंसरी से मिलती ही नहीं है? भीड़ इतनी कि तिल रखने की भी जगह नहीं।

यहां भी परेशान हैं

खरखौदा के गांव से आई शबीना अपनी 9 महीने की बेटी की इलाज के लिए आई थी। शबीना कहती हैं काफी दिनों तक गांव में परेशान हुई वहां बेटी की तबियत ठीक नहीं हुई तो यहां आई लेकिन यहां भी चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। इससे बेहतर तो गांव के किसी हकीम या वैद्य को दिखा देती तो बेहतर था। वहां दवाओं के लिए भटकना तो नहीं पड़ता। अब ये दवा कहां से लेकर आऊं? डॉक्टर ने ये दवा जरूरी बताई है।

अपनों पर करम

मेडिकल हॉस्पिटल में अपनों पर करम किया जाता है। अगर कोई स्टॉफ आदमी पहुंचता है तो उसे पूरी वीआईपी सर्विस मिलती है। अगर काउंटर पर दवा न हो तो उनके लिए स्टोर से दवा लाकर दी जाती है। इसका मतलब ये है कि मेडिकल में दवाओं का पूरा स्टॉक होता है। नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर डिस्पेंसरी में अपने किसी खास के लिए दवा लेने आए कर्मचारी का कहना है कि कुछ दवाएं काफी महंगी होती हैं। जिन्हें हर किसी को नहीं दिया जाता, इसलिए उसे बाहर से खरीदने के लिए कहा जाता है। ऐसी दवाओं का स्टॉक बाकी दवाओं के मुकाबले कम होता है। फिर स्टाफ के काफी जानकार भी सिर्फ दवा लेने के लिए आते हैं।

मेडिकल से बेहतर तो डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल

मेडिकल कॉलेज के मुकाबले डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की स्थिति ज्यादा बेहतर हैं। जहां मेडिकल में दस में एक मरीज को सभी दवाएं मिलती हैं वहीं डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में दस में से एक मरीज ऐसा होता है कि जिसे डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब्ड चार दवाओं में एक दवा नहीं मिलती। जिला अस्पताल में इलाज कराने आए एजाज अहमद की माने तो मुझे डॉक्टर ने 6 दवाएं लिखी थी। लेकिन एक दवा नहीं मिली। अभी डॉक्टर से पता कराया कि आज ही खत्म हुई है। कुछ दिनों में आ जाएगी।

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