- दवा कंपनियों की 40 लाख की उधारी, उर्सला में दवाओं की किल्लत

- अल्ट्रासाउंड मं प्रयोग होने वाला पेपर तक खत्म, कागज पर लिख कर दी जा रही रिपोर्ट

KANPUR: उर्सला में बीते साल के मुकाबले जहां मरीजों की संख्या में 10 फीसदी तक इजाफा हुआ है वहीं इन मरीजों को दी जाने वाली दवाओं का बजट और भी कम हो गया है। उस पर भी फ्री जांचों के लिए आने स्थिति बदतर हो गई है। हालत यह है कि दवाओं की भारी किल्लत तो हो ही गई है। अल्ट्रासाउंड जैसी जांच के लिए यूज होने वाला पेपर तक खत्म हो गया है। इस वजह से मरीजों को बाहर से तो दवा खरीदनी ही पड़ रही है। वहीं दवा कंपनियों को अब तक 40 लाख रुपए की देनदारी हो गई है वह अलग।

20 लाख कम हो गया दवाओं का बजट

उर्सला में बीते साल दो करोड़ का बजट मिला था जबकि इस बार अब तक 1.80 करोड़ ही मिले हैं। इस साल डिमांड 3 करोड़ रुपए की थी। इस साल दवाओं की मद में सिर्फ 1.10 करोड़ रुपए मिले हैं। इसी में रीजेंट और एक्सरे फिल्म का भी खर्च जुड़ा हुआ है। जांचे फ्री होने से यूजर चार्ज भी कम हो गया। इस वजह से भी अस्पताल चलाने के लिए जरूरी सुविधाओं को जुटाना मुश्किल हो गया है।

40 लाख की दवाओं की उधारी

कम बजट को लेकर शिकायतें होने के बाद भी दवा कंपनियों से गनीमत है कि सप्लाई बंद नहीं की है उर्सला के एक्टिंग डायरेक्टर डॉ। मान सिंह के मुताबिक 40 लाख रुपए दवाओं की देनदारी है जोकि बजट मिलने पर चुका दिया जाएगा। वहीं शासन की मंशा के विपरीत डॉक्टर्स खुल कर तो नहीं बोलते लेकिन उनका मानना है कि इतने कम बजट में अस्पताल में सभी मरीजों मुफ्त दवा मुहैया कराना संभव नहीं है।