लचर व्यवस्थाओं के बीच शुरू हुई परीक्षा

पहले दिन आसान प्रश्नपत्र देख खिले बच्चों के चेहरे

Meerut। यूपी बोर्ड परीक्षाओं के महाकुंभ का मंगलवार को तमाम अव्यवस्थाओं के बीच आगाज हो गया। पहली बार सीसीटीवी की निगरानी में हुई हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाओं के दौरान कई अनियमितताएं भी बनी रहीं। हालांकि काफी हद तक परीक्षा नकल विहीन रही। मेरठ में किसी भी सेंटर से कोई भी परीक्षार्थी नकल करते हुए नहीं पकड़ा गया। जबकि दौराला के स्कूल में परीक्षाओं के दौरान संदिग्ध व्यक्तियों का जबरन स्कूल में घूसकर प्रश्पपत्र लूटने के आरोप का मामला सामने आया।

कक्ष निरीक्षकाें की कमी

शासन नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है, मगर विभाग व्यवस्था के अनुरूप कार्य कराने में पूरी तरह असमर्थ रहा। परीक्षा से ठीक एक दिन पहले ड्यूटियों में की गई फेरबदल से जहां कक्ष निरीक्षकों में संशय रहा। वहीं परीक्षा केंद्रों पर अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापकों की भी कमी रही। हीलाहवाली का आलम यह रहा कि ड्यूटी पर तैनात किए गए अधिकारियों को नियुक्ति पत्र तक नहीं मिल सके। निरीक्षकों की कमी के चलते विभाग ने हर सेंटर पर जरूरत से कम निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई। बाबूगढ़ में पहली पाली में इंटर की एक छात्रा को नकल करते हुए पकड़ा गया।

एडमिट कार्ड के लिए दौड़े

परीक्षा के दिन भी कई छात्र एडमिट कार्ड लेने के लिए क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय में चक्कर लगाते रहे, चूंकि इन बच्चों का विभाग का पास संबंधित रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हो सका, इसके चलते कई छात्र परीक्षा में सम्मलित होने से वंचित रह गए।

इस तरह हुई परीक्षा

सुबह की पाली में हाईस्कूल का गृहविज्ञान और इंटरमीडिएट का ¨हदी प्रथम का पेपर था, जबकि द्वितीय पाली में केवल इंटर की सामान्य ¨हदी प्रथम की परीक्षा ली गई।

प्रथम पाली

हाईस्कूल परीक्षा

विषय कोड 823, 832

14129 स्टूडेंट्स पंजीकृत

13010 स्टूडेंट्स उपस्थित

1119 स्टूडेंट्स अनुपस्थित

इंटरमीडिएट

विषय कोड 301

13809 स्टूडेंट्स पंजीकृत

12187 स्टूडेंट्स उपस्थित

1622 स्टूडेंट्स अनुपस्थित

दूसरी पाली

विषय कोड 304

28692 स्टूडेंट्स पंजीकृत

26090 स्टूडेंट्स उपस्थित

2602 स्टूडेंट्स अनुपस्थित

जूते व स्कार्फ-टोपी उतरवाए

परीक्षार्थियों को एग्जाम हॉल में आने से पूर्व ही कई स्कूलों में जूते, टोपी और स्टाल आदि उतरवा लिए गए। जिसके बाद ही छात्र-छात्राएं बोर्ड परीक्षा में बैठ सके। संचालकों का कहना है कि बच्चे अक्सर इन चीजों में नकल की पर्ची ले आते हैं ऐसे में एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है।

पहले दिन शांतिपूर्ण ढंग से परीक्षाएं सम्पन्न हुई। किठौर और मेरठ में लापरवाही के चलते दो एग्जाम सेंटरों पर केंद्र व्यवस्थापक बदले गए हैं। नकल विहीन परीक्षाओं के लिए प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है।

दिव्यकांत शुक्ल, जेडी, मेरठ मंडल