चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ रविवार को ढाका में एक विकेट की हार के बाद गावस्कर ने यह बात कही। इस हार के बाद भारतीय टीम पांच देशों के टूर्नामेंट में फाइनल की दौड़ से लगभग बाहर हो गई है। भारत ने अब तक दो मैच गंवाए हैं, जबकि उसे एकमात्र जीत बांग्लादेश के खिलाफ मिली।

गावस्कर ने एक टीवी चैनल से कहा, खिलाड़ियों का कम के प्रति रवैया सही नहीं है। इससे लोगों को निराशा हुई है। वे अच्छी तरह अभ्यास नहीं करते और वैकल्पिक अभ्यास जैसी कोई चीज नहीं होनी चाहिए। शिखर धवन और विराट कोहली के अलावा किसी और के पास अभ्यास में हिस्सा नहीं लेने के लिए कोई बहाना नहीं है। वैकल्पिक अभ्यास को खत्म कर दिया जाना चाहिए। केवल किसी टूर्नामेंट के दौरान ही नहीं, बल्कि हमेशा के लिए। आप यहां होटल के कमरों में आराम फरमाने या दुकानों से खरीददारी करने नहीं आए हैं। आप यहां भारत का प्रतिनिधित्व करने आए हैं। यह एक ऐसी बात है जिसे टीम मैनेजमेंट करीब पिछले दो-तीन सालों से खिलाड़ियों को याद नहीं दिला रही है। यह निराशाजनक है। यह भी एक कारण है कि भारत ने पिछले दिनों चैंपियंस ट्रॉफी के अलावा कुछ और क्यों नहीं जीता।

गावस्कर ने शीर्ष क्रम पर भी निशाना साधते हुए कहा कि बल्लेबाजों पर अति आत्मविश्वास हावी था और उनका शॉट चयन सही नहीं था। उन्होंने कहा, भारत ने कुछ विकेट गैरजरूरी रूप से गंवा दिए। गावस्कर ने विराट कोहली की कप्तानी की सराहना करते हुए कहा, वह पहली बार किसी बड़े टूर्नामेंट में कप्तानी कर रहे हैं और यह अभी तक सराहनीय रहा है। उनमें संभावनाएं नजर आती हैं। श्रीलंका और पाकिस्तान के खिलाफ हमने जो दो मैच गंवाए, वे आखिरी ओवर में जाकर गंवाए।

 

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