- आठ मुहल्लों की 24 महिलाएं लंबे अरसे से कर रहीं नारी हित में संघर्ष

- अब तक नहीं थी पहचान, संगम लोक समिति ने बनवाई हरे रंग की साड़ी

फीरोजाबाद: हरा रंग यूं तो समृद्धि का पहचान है, लेकिन नारी उत्पीड़न करने वालों के लिए यह 'रेड सिग्नल' बनने जा रहा है। इनमें से कई अनपढ़ हैं, तो अधिकांश हाईस्कूल पास भी नहीं। घर के काम के साथ परिवार चलाने के लिए भी जुटती हैं, लेकिन कई सालों से महिला उत्पीड़न की जानकारी हो, तो खुद वहां पहुंच जाती हैं। संगम लोक समिति की ग्रीन गैंग की सदस्य कई सालों से छेड़छाड़ से लेकर पति के उत्पीड़न तक के खिलाफ घरों पर पहुंचकर धरना देती हैं। सरकारी दफ्तरों में गरीबों का काम रुके तो आला अफसरों तक पहुंच जाती हैं, लेकिन अब तक इनका यह समूह पहचान रहित था।

मूवी देखकर लिया निर्णय

'गुलाबी गैंग' फिल्म देखने तथा आगरा में गुलाबी गैंग की खबर सुनी, तो इन महिलाओं ने भी सोचा कि हमारी भी एक पहचान होनी चाहिए। इसके बाद इन्हें शिक्षित करने वाली दिशा संस्था की दीदी अनुपम शर्मा ने सहयोग किया। पहले रंग के चयन का सवाल था, तो इन्होंने हरे रंग को चुना। हरे रंग पर सफेद धारी की साड़ी के लिए अनुपम एवं समिति की महिलाओं ने कई दुकानों पर चक्कर काटे। इसके बाद में विशेष ऑर्डर देकर 24 साड़ी तैयार कराईं। यूं तो फीरोजाबाद के आठ मुहल्लों में इस समिति से सैकड़ों महिलाएं जुड़ी हैं, लेकिन हर मुहल्ले की प्रमुख तीन-तीन महिलाओं ने अपने ही अंशदान से यह यूनीफॉर्म बनवाई है। अब इनकी बैठक इसी यूनीफॉर्म में होती है।

जब छेड़छाड़ करने वालों को सिखाया था सबक

सड़कों पर छात्राओं से छेड़छाड़ करने वाले भी सावधान हो जाएं। नहीं तो हो सकता है कि किसी दिन ग्रीन गैंग उन्हें भी उनके ही घर पर घेर ले। कबीर नगर की एक छात्रा को सिलाई सीखने जाते वक्त मुहल्ले के कुछ लड़के छेड़ा करते थे। पिछले दिनों जब इसकी जानकारी नन्हीं देवी को मिली, तो 15 महिलाएं अपने साथ सिलाई सीखने वाली छात्राओं को लेकर छेड़छाड़ करने वाले लड़कों के घर पहुंच गईं। वहां उन्होंने लड़कों को उनके परिजनों के सामने खरी-खोटी सुनाई। उस दिन के बाद उन लड़कों ने कभी छात्राओं को नहीं छेड़ा।

विकलांग महिला के लिए बन गई सुरक्षा

इंद्रा नगर की एक विकलांग महिला को उसका पति पीटा करता था। जब इसकी जानकारी मुहल्ले की समिति को हुई, तो मुहल्ले की महिलाएं एकत्र होकर घर पर पहुंच गईं। पति को जमकर खरी-खोटी सुनाई तथा धमकी दी कि अगर अब पीटा, तो सबक सिखा देंगे। इसके बाद से महिला अपने घर में रह रही है।

कई महिलाओं का बिगड़ता परिवार बचाया

झलकारी नगर की एक महिला को उसके पति ने घर से निकाल दिया, तब भी संगम लोक समिति ने आगे बढ़कर मोर्चा संभाला। इस मामले में कुछ नेताओं से मिलकर थाने तक गईं और पति को बुलवाकर थाने में आमना-सामना कराया तो गलत फहमियां दूर हो गई। हर मुहल्ले में आने वाली छोटी-मोटी समस्याओं को मुहल्ले की समिति से ही खत्म करा देती हैं।

पढ़े-लिखे एवं अनपढ़ का अच्छा है तालमेल

समिति में शामिल सभी महिलाएं घरों में चूड़ी एवं अन्य काम करती हैं। कुछ अनपढ़ हैं, तो कुछ पढ़ी-लिखी। कुछ माह पूर्व जब मुहल्ले में राशन कार्ड नहीं बने, तो सौ के करीब महिलाएं एकत्र होकर तहसील दिवस में पहुंचीं। सूची एवं फॉर्म लेकर अफसरों से मिलीं। इस दौरान पढ़ी लिखी कमलेश को आगे कर दिया, ताकि नियमों की बात वो समझ सकें। वहीं, बोलने में आगे रहने वाली नन्हीं देवी भी साथ रहीं। नन्हीं देवी कहती हैं दोनों तरह से काम निकालना पड़ता है। दो दिन के चक्कर के बाद मुहल्लों में 80 से ज्यादा राशन कार्ड बन गए।