नहीं है smoking zone
एक्साइज एक्ट के अनुसार होटल्स और रेस्टोरेंट में अलग से स्मोकिंग जोन बनाने का प्रोविजन है। यह कंपल्सरी है। इसके तहत इन सभी प्लेसेज पर स्मोकिंग तो की जा सकती है, लेकिन सिर्फ स्मोकिंग जोन में, ताकि स्मोकिंग न करने वालों को कोई प्रॉब्लम न हो।
नहीं करते rules follow
सिटी में लगभग 67 से ज्यादा रेस्टोरेंग कम बार्स हैं। रूल्स के अनुसार इन सभी प्लेसेज पर अलग से स्मोकिंग के लिए यूनी डायरेक्शनल एयरफ्लो वाला एक सेपरेट स्मोकिंग जोन बनाने का नियम है, लेकिन कुछ को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर में ऐसी कोई सुविधा अवेलेबल नहीं है। एक्साइज डिपार्टमेंट की ओर से भी बार का लाइसेंस देते टाइम इंस्ट्रक्शन दिया जाता है। असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर संतोष कुमार ने बताया कि सभी बार्स को इस संबंध में रिमाइंड करा दिया है, लेकिन किसी ने रूल्स फॉलो नहीं किए हैं। स्मोकिंग जोन न होने के कारण बार में आए कस्टमर्स को मजबूरन अंदर ही स्मोक करना पड़ता है।
झगड़ा करने लगते हैं customers
 कई बार स्मोकिंग जोन होने के बावजूद कस्टमर बार में ही बैठकर सिगरेट पीते हैं। एमजी रोड स्थित एक बार के मैनेजर ने बताया कि अगर वे कस्टमर्स से सिगरेट पीने के लिए मना करते हैं, तो वे झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। इसके चलते वे किसी भी कस्मर को टोकते नहीं हैं।  
 नहीं है स्मोकिंग एलाऊ
सिटी में कई बार ऐसे हैं जिनके ऑनर्स ने बार के अंदर बड़े अक्षरों लिखवा रखा है कि यहां स्मोकिंग एलाऊ नहीं है। इसके बावजूद कस्टमर्स बेझिझक स्मोकिंग करते रहते हैं। इससे दूसरों को क्या नुकसान पहुंचेगा इसका उन्हें कोई ध्यान नहीं रहता।

Public place पर करते हैं Smoking

सिगरेट एवं अदर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट के अनुसार रोस्टोरेंट, होटल्स सहित सभी पब्लिक प्लेसेज में स्मोकिंग को बैन किया गया है, लेकिन सिटी में इस रूल की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाती हैं। जबकि सेंट्रल गवर्नमेंट ने 2008 में पब्लिकली स्मोकिंग पर बैन लगा दिया था। इतना ही नहीं, सिटी में चलने वाले बार्स और रेस्टोरेंट में भी ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इसमें ज्यादातर में खुलेआम स्मोकिंग करने की छूट है। ऐसा करके वे न सिर्फ कानून का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि अदर कस्टमर्स की हेल्थ को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

इस संबंध में हमारी ओर से मॉनिटरिंग नहीं होती है। इसके टूरिस्ट्स या अदर डिपार्टमेंट की ओर से गाइडलाइंस तय होती होंगी।
-एके वर्मा डिस्ट्रिक्ट एक्साइज ऑफिसर

ये एडमिनिस्ट्रेशन की खामी है कि उन्हें बार्स में स्मोकिंग जोन न होने पर कार्रवाई क्यों नहीं की। यदि एक्साइज डिपार्टमेंट सख्ती करता है तो स्मोकिंग जोन बन सकता है।
-योगेंद्र सिंह

ये जरूरी नहीं है कि बार में आने वाला प्रत्येक पर्सन स्मोक करता हो। ऐसे में स्मोक करने वाले से दूसरे आदमी को परेशानी होती है।
-कुलदीप

बार ही नहीं अदर प्लेसेज पर भी किसी को स्मोक करने से मना करते हैं तो वह झगड़े पर उतारू हो जाता है। ऐसे में मजूबर होकर हमें ही चुपचाप सहना पड़ता है।
-विक्रांत सिंह तोमर