-लालू का डर नीतीश ने दिखाया था, अब बीजेपी दिखा रही

- ऐसे उलट गई है राजनीति, क्या वोटर छोड़ेंगे जाति-जाति?

PATNA: लालू प्रसाद को हटाकर नीतीश कुमार सत्ता में आए। अब लालू प्रसाद को साथ लेकर फिर से सत्ता पाने व नरेंद्र मोदी के रथ को रोकने की तैयारी है। गजब की बात यह कि जो नीतीश कुमार, लालू प्रसाद का डर दिखाकर वोट लेते रहे, लालू प्रसाद को सत्ता से बाहर रखते रहे और खुद सत्ता पर बने रहे, वही अब उल्टी बातें कर रहे हैं।

मैं हं ना!

नीतीश कुमार कहते रहे कि लालू आएंगे, तो फिर से बिहार में क्या-क्या हो जाएगा। वे जंगलराज से लेकर लाठी में तेल पिलाने और चारा घोटाले और अपहरण तक की चर्चा करते रहे थे। शाम में कैसे लोग देर से लौटते थे, तो डर का मातम छा जाता था परिवार में इसे भी बताते रहे, पर अब नीतीश कुमार ही कह रहे हैं कि मैं हूं ना बिहार में कोई जंगल राज नहीं आने दूंगा। किसी को डरने की कोई जरूरत नहीं है। नीतीश कुमार अब बीजेपी पर ही लालू के डर को सहारा बनाने का आरोप मढ़ रहे हैं। ये सब नीतीश कुमार इसलिए कह रहे हैं कि खरमास के बाद आरजेडी और जेडीयू के विलय की रणनीति तेज है।

'इथिक्स, राजनीति व लालू'

लालू प्रसाद को चारा घोटाले में जेल की सजा दिलवाने में ललन सिंह की बड़ी भूमिका रही। वे सुप्रीम कोर्ट गए थे। जब ललन सिंह मुंगेर लोकसभा इलेक्शन हार गए, तो उन्हें नीतीश कुमार ने गवर्नर कोटे से विधान परिषद् भिजवाया। यही नहीं, उन्हें मिनिस्टर तक बनवाया। लालू प्रसाद को जिस दिन चारा घोटाले में जेल की सजा हुई थी, उस दिन लालू समर्थकों ने नीतीश कुमार पर भी सवाल उठाया था, लेकिन बदलती राजनीति में बिहार की राजनीति के दो सबसे बड़े दुश्मन यानी लालू प्रसाद और नीतीश कुमार सबसे बड़े दोस्त बने हुए हैं।

मुसलमान वोट बैंक पर भी पकड़

राजनीति की तस्वीर साफ है। लालू प्रसाद के पास उनकी जाति का बड़ा वोट बैंक हैं। मुसलमान वोट बैंक पर भी उनकी पकड़ है। यह बड़ी वजह है कि नीतीश लालू प्रसाद का हाथ पकड़ नरेन्द्र मोदी के रथ के घोड़े को रोकने की कोशिश में हैं। यानी लालू बिहार की राजनीति में तब भी बड़े फैक्टर थे और अब भी। दोनों में से कोई अब सीएम नहीं हैं। लालू प्रसाद चारा की सजा काट रहे हैं और नीतीश कुमार ने नरेन्द्र मोदी के बढ़ते रथ को देख सीएम की कुर्सी छोड़ उस पर जीतन राम मांझी को बैठा दिया है। नीतीश कुमार अभी बिहार विधान परिषद् में इथिक्स कमेटी के चेयरमैन भी हैं।

'लालू नीतीश दोनों से डर रही जनता'

एक तरफ लालू-नीतीश की दोस्ती है तो दूसरी तरफ बीजेपी के सीनियर लीडर और सेन्ट्रल मिनिस्टर राधामोहन सिंह ने कहा है कि नीतीश कुमार को लालू प्रसाद से डर है और लालू प्रसाद को नीतीश कुमार से। बिहार की जनता दोनों से डरती है।