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DEHRADUN : पटेलनगर इलाके में एक व्यक्ति द्वारा फर्जी तरीके से जमीन के असली मालिक का वारिस बनकर जमीन कब्जाने का मामला सामने आया है। जमीन के असली मालिक ने नौ माह पहले एसआईटी में प्रार्थना पत्र दिया था। जांच के बाद थाना पटेलनगर में मुकदमा दर्ज किया गया है।

नगर निगम ने खंगाले रिकॉड

जमीन और मकान के एक मालिक स्व। सुरेन्द्र सिंह के परिजन तेजपाल सिंह ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को बताया कि नगर निगम की ओर से जमीन की जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि आरोपी इंदर सिंह ने फर्जी दस्तावेज बनाकर उनकी जमीन 2010 में अपने बेटे मनप्रीत के नाम कर दी थी। दस्तावेजों खंगालने पर पता चला कि इंदर ने अपने पिता गुलाब सिंह को जमीन की वारिस लक्ष्मी देवी का पोता दर्ज किया है।

विभाजन के समय मिली थी जमीन

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सतनाम कौर पत्नी स्व। सुरेंद्र सिंह निवासी डी-ए8 पटेल नगर देहरादून द्वारा नौ माह पहले एसआईटी में प्रार्थना पत्र

दिया गया था। सतनाम कौर द्वारा बताया गया कि उनके ससुर स्व। गुरुबक्स सिंह की माता लक्ष्मी पत्नी जीत सिंह भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय देहरादून आ गए थे। उन्हें सरकार की ओर से पटेल नगर में एक रिहायशी भवन दिया गया था, उसके साथ ही भूमि भी आवंटित की गई थी। लक्ष्मी की मौत के पश्चात उनकी संपत्ति के वारिस उनके पोते सुरेन्द्र सिंह व मोहिन्द्र सिंह हुए। सुरेंद्र सिंह भारतीय वायु सेना में कार्यरत थे तथा उनके भाई मोहिन्द्र सिंह बिजनेस करने के लिए महाराष्ट्र चले गए थे। घर की देख भाल के लिए चौकीदार के रूप में सुरेन्द्र और मोहिन्द्र ने आजा कौर पत्नी गुलाब सिंह को जिम्मेदारी सौंपी। जब आजा कौर की मृत्यु हुई तो उसके बेटे इंदर सिंह ने देखभाल की जिम्मेदारी ली। इसी बीच 2003 में जमीन व मकान के एक मालिक सुरेन्द्र सिंह की मौत हो गई, इसके बाद इंदर सिंह ने जमीन और मकान पर कब्जा कर लिया।

व्यापारी के खाते से 2.70 लाख उड़ाए

दून के एक व्यापारी के बैंक खाते से लिंक मोबाइल नंबर के सिमकार्ड का क्लोन तैयार कर जालसाज ने उनके खाते से 2.70 लाख रुपये निकाल लिए।

मामले में व्यापारी ने कोतवाली पुलिस को तहरीर दी है। विशाल बेदी निवासी खुड़बुड़ा ने पुलिस को बताया कि बुधवार दोपहर में एक अंजान मोबाइल नंबर

से उनके पास फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि उनका मोबाइल नंबर बंद किया जा रहा है। उन्होंने कारण पूछा तो बताया कि उनका सिमकार्ड पुराने वर्जन का है, जिसे अपग्रेड किया जाना जरूरी है। उसने यह भी कहा कि वह उनका सिमकार्ड अपग्रेड कर देगा। इसके लिए उन्हें सिमकार्ड नंबर बताना होगा। विशाल ने उसे जैसे ही सिमकार्ड का नंबर बताया, उसके चंद मिनट बाद ही उनका मोबाइल नंबर बंद हो गया। इसके कुछ देर बाद उनके दूसरे नंबर पर फोन आया। तब उसने बताया कि आपका का सिम के अपग्रेड होने में दो घंटे लगेंगे। लेकिन अभी उनको अपने एटीएम कार्ड का सीवीवी नंबर भी बताना होगा। विशाल ने सीवीवी नंबर बता दिया और बंद मोबाइल नंबर के चालू होने का इंतजार करने लगे। इस बीच उन्हें आइसीआइसीआइ बैंक से फोन आया, जिसमें बताया गया कि उनके खाते से कुछ देर पहले 2.70 लाख रुपये किसी कामिनी देवी नाम की महिला के बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए हैं। यह सुन विशाल के होश उड़ गए। आनन-फानन वह राजपुर रोड स्थित आइडिया के दफ्तर पहुंचे, जहां पता चला कि उनका मोबाइल कहीं और चल रहा है। बताया कि किसी ने उनके सिमकार्ड का क्लोन तैयार कर लिया है। विशाल ने बताया कि उनका यह नंबर बैंक अकाउंट से लिंक है। इसके बाद उन्होंने अपना बैंक अकाउंट फ्रीज करा दिया। कोतवाल शिशुपाल नेगी ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है।

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