एंक्रोचमेंट और अवैध निर्माण

आर्मी के लिए मौजूदा समय में कोई और नहीं छावनियों में मौजूद लैंड माफिया सबसे बड़ा हो गया है। ये लैंड माफिया छावनियों की बची हुई जमीन को कब्जे में लेकर बेच भी रहे हैं। वो जमीन किसके हाथों में जा रही है उसका कोई पता नहीं है। न तो उनके पास कोई आईडेंटीफिकेशन है और न ही उनके बारे में किसी को कोई जानकारी ही है। ऐसे में छावनी की सुरक्षा को सबसे बड़ा खतरा पैदा हो गया है।

 

आईएसआई के संपर्क में आए

आर्मी ऑफिशियल की मानें तो कैंट में मौजूद लैंड माफिया का एक पूरा कोकस बन गया है। जो पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई और अंडरवल्र्ड डॉन दाउद इब्राहिम के संपर्क में आ चुका है। आर्मी ऑफिशियल की इस बात को गहराई में ले तो उनका साफ इशारा है कि पाकिस्तानी फौज और आतंकवादी अब देश की छावनियों को निशाना बनाने की सोच रहे हैं। लैंड माफिया से संपर्क बनाकर वो छावनी में अंदर घुसपैठ का प्रयास कर रहे हैं।

ए-वन से सी क्लास तक

मीटिंग में साफ कर दिया गया है आर्मी वेस्टर्न यूपी या वेस्ट यूपी सब एरिया हेडक्वार्टर के अंतर्गत आने वाली सभी छावनियों की सभी तरह की लैंड को बचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। इस पूरे लैंड के मालिक सब एरिया कमांडर हैं। उनकी परमीशन के बिना किसी भी तरह की कोई परमीशन नहीं दी जा सकती है। खासकर ए-वन डिफेंस लैंड पर अगर कोई बुरी नजर डालेगा उसे बिल्कुल भी बख्शा नहीं जाएगा।

छावनी में लगेंगे चार और नए गेट

वहीं मेरठ छावनी में और नए चार गेट लगाने जा रहा है। आर्मी ऑफिशियल की मानें तो सेक्योरिटी और डिफेंस लैंड को कवर करने व माफिया की नजरों से डिफेंस लैंड को बचाने के लिए चार और जगहों पर गेट लगाने की तैयारी है। भूसा मंडी और चार्जिंग रैम मेस के पास के अलावा दो और जगहों पर गेट लगाए जाएंगे।