नजूल भूमि पर कब्जा करने वालों की तैयार हो रही list, ADA, नगर निगम में मची खलबली

नजूल, राजकीय आस्थान, ADA और नगर निगम की भूमि पर बन चुकी हैं इमारतें

ALLAHABAD: टास्क फोर्स का गठन होना तय है। यानी सरकारी और नजूल की जमीनों पर कब्जा करने वाले और इस पर इमारतें खड़ी करवा चुके लोगों के बुरे दिन शुरू होने वाले हैं। एंटी भू माफिया टास्क फोर्स अपना काम शुरू करे इससे पहले ही एडीए और नगर निगम के साथ प्रशासन अपना काम शुरू कर चुके हैं। यहां उन जमीनों की लिस्ट तैयार हो रही है जो सरकारी कागजात में नजूल, राजकीय आस्थान, एडीए और नगर निगम की दर्ज हैं। इससे अफसरों के भी कान खड़े हो गए हैं क्योंकि टास्क फोर्स की नजर उन पर भी टेढ़ी हो सकती है।

मई से ध्वस्तीकरण का अभियान

जमीनों से अवैध कब्जा हटाने के लिए सरकार ने अधिकारियों को कार्रवाई का निर्देश दे दिया है। जिससे अब अधिकारियों के साथ ही कर्मचारियों में भी खलबली मच गई है। क्योंकि, कब्जा करने वालों में अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ ही उनके कई करीबी और खास भी शामिल हैं। योगी सरकार ने सरकार गठन के साथ ही यह बता दिया है कि अब भू माफियाओं की खैर नहीं है। भू माफियाओं की नकेल कसने के लिए ही एंटी भू माफिया टास्क फोर्स का गठन किया गया है। जिसने काम शुरू कर दिया है। विभागीय सूत्रों की मानें तो सभी विभागों को निर्देश मिल चुका है कि सरकारी जमीनों पर जहां-जहां अवैध कब्जा है, जिन लोगों ने नजूल भूमि पर बिल्डिंग बना रखा है, उसकी लिस्ट तैयार कर शासन को पंद्रह अप्रैल तक भेजी जाए। एडीए के एक अधिकारी ने बताया कि मई फ‌र्स्ट वीक में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू होने की उम्मीद है।

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खूब बिकी है राजकीय आस्थान की जमीन

इलाहाबाद में राजकीय आस्थान की कई एकड़ जमीनों पर कब्जा करने के साथ ही उसे बेचा गया है। जिस पर कुछ दिनों पहले हाईकोर्ट भी नाराजगी जता चुका है। हाईकोर्ट के आदेश पर नजूल भूमि पर हुए अवैध कब्जों को हटाने की कार्रवाई शुरू हुई थी। सिविल लाइंस के कूपर रोड से अवैध कब्जा हटवाया गया था। लेकिन, छोटी-मोटी कार्रवाई के बाद अभियान रुक गया। महाधिवक्ता भवन व हाईकोर्ट के लिए अधिग्रहित भूमि पर भी कब्जे की बात सामने आई है। जिसका पीआईएल हाईकोर्ट में दाखिल हुआ है। जिस पर हाईकोर्ट ने एडीए, डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन से रिपोर्ट मांगी है। ममफोर्डगंज, तेलियरगंज, एमजी रोड, राजापुर के साथ ही शहर का कोई ऐसा इलाका नहीं बचा है, जहां सरकारी जमीनों पर कब्जा न किया गया हो।

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ADA अफसरों ने भी बनाई संपत्ति

सूत्रों का कहना है कि लिस्ट अभी फाइनल होना बाकी है लेकिन कार्रवाई की जद में एडीए, नगर निगम के भी कई कर्मचारी और अधिकारी आ सकते हैं। उन्होंने सरकारी जमीनों पर अपने प्रभाव से अवैध कब्जा कर रखा है, या फिर प्रभावशाली लोगों के नाम जमीनों को एलाट करने में मदद की है। इससे इन विभागों में खलबली मची है।