- जिला प्रशासन ने हर जमीन का तय किया 16 डिजिट का यूनीक कोड

-कोर्ट केस में मिलेगी राहत, खरीद-फरोख्त में नहीं होगी धोखाधड़ी

आई एक्सक्लूसिव

अखिल कुमार

मेरठ: जमीनों की पहचान के लिए अब सरकार की यूनीक कोड योजना है। इसके तहत अब जमीनों की पहचान भी हो सकेगी। यूनीक कोड किसी भूखंड के लिए आधार कार्ड की तरह पहचान पत्र का कार्य कर रहा है। इसके अलावा यूनीक कोड के आधार पर उन सभी जमीनों-भूखंडों को शार्ट लिस्ट कर लिया जाएगा जो विवादग्रस्त हैं। वहीं, खरीद-फरोख्त के दौरान जमीन की यथास्थिति को समझना यूनीक कोड से आसान हो जाएगा। मेरठ में फिलहाल सभी कोर्ट केस से जुड़ी जमीनों का यूनीक कोड तैयार कर लिया गया है।

मार्च में आए निर्देश

एडीएम फाइनेंस गौरव वर्मा ने बताया कि आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद धीरज साहू की ओर से जारी शासनादेश में भूखंडों के यूनीक कोड निर्धारित करने के निर्देश मार्च 2017 में दिए गए थे। प्रदेश के हर राजस्व गांव के हर भूखंड (गाटा) के लिए 16 अंकों का यूनीक कोड निर्धारित करने के आदेश शासन द्वारा दिए गए हैं। मेरठ में फिलहाल उन गाटों को यूनीक कोड डेवलेप कर लिया गया है जो किसी मुकदमे से ताल्लुक रखते हैं। राजस्व न्यायालयों में केस के साथ जमीन के दस्तावेज के साथ यूनीक कोड को क्लिक करने कार्य हो रहा है।

नहीं होगी परेशानी

जमीन का यूनीक कोड जारी होने के बाद विवादित भूखंडों का पूरा ब्योरा वादकारी, वकीलों के साथ-साथ जनसामान्य को उपलब्ध होगा, जिससे किसी भी खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी की संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी। यूनीक कोड को राजस्व न्यायालय की कम्प्यूटरीकृत प्रबंध प्रणाली (आरसीसीएमएस) के साथ जोड़ा जाएगा।

यहां करें पड़ताल

http://upbhulekh.gov.in

ऐसे बनेगा यूनीक कोड

- 6 प्रथम अंक राजस्व ग्राम का जनगणना कोड होगा।

- 7 अंक से 10 तक भूखंड की गाटा संख्या होगी यूनीक कोड में

- 11 से 14 अंक में भूखंड के मिनजुमला, विभाजन आदि की स्थिति

- 15 से 16 अंक भूखंड की श्रेणी, वर्गीकरण का वितरण होगा यूनीक कोड में

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वर्जन

मेरठ में विवादित जमीनों के 16 अंकों के यूनीक कोड डेवलप कर दिए गए हैं। तहसील एवं राजस्व विभाग अन्य भूखंडों के भी यूनीक कोड विकसित कर रहा है। यूनीक कोड किसी जमीन की पहचान के लिए आधार कार्ड की कार्य करेगा।

-गौरव वर्मा, एडीएम फाइनेंस