- डिफेंस एंक्लेव मामले में हुआ बड़ा खुलासा

- डिफेंस एंक्लेव में 80 फ्लैट्स की लैंड का भी ऑक्शन कर दिया

- इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट वीसी को जताएगा आपत्ति

sharma.saurabh@inext.co.in

Meerut : डिफेंस एंक्लेव में एक नया मामला निकलकर सामने आया है। जो सभी चौंका सकता है। प्राधिकरण ने लैंड ऑक्शन का जो खेल शुरू किया है, उससे करीब 80 एलआईजी फ्लैट्स की बलि चढ़ गई है। जब ये मामला सामने आया तो इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट पूरी तरह से हिल गया। कुछ दिन के अंदर डिपार्टमेंट यहां पर कंस्ट्रक्शन शुरू करने जा रहा था।

बनाने थे एलआईजी फ्लैट्स

प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब दो साल पहले वेदव्यासपुरी में प्राधिकरण ने क्ख्8 एलआईजी फ्लैट्स की स्कीम निकाली थी, जिसकी एवज में अप्लाई करने वालों से भ्0-भ्0 हजार रुपए रजिस्ट्रेशन के नाम पर टोकन मनी के रूप में ले लिए, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के बाद पर वहां पर फ्लैट्स नहीं बनाए जा सके। इसके बाद प्राधिकरण आवेदकों के लिए नई जगहों की तलाश कर रहा था।

डिफेंस एंक्लेव में खोजी थी जगह

प्राधिकरण के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने करीब भ्000 स्क्वायर मीटर की लैंड तलाश की थी, जिसकी फिजिकल रिपोर्ट भी तैयार कर ली थी। सूत्रों के अनुसार डिपार्टमेंट ने यहां पर करीब 80 फ्लैट बनाने की योजना बनाई थी। बाकी के लिए शताब्दी नगर में बनाने की योजना थी। डिपार्टमेंट का मानना था कि जो लोग डिफेंस एंक्लेव में जाना चाहेंगे उन्हें वहां दे दिया जाएगा। बाकी को ब्याज समेत रुपया वापस कर दिया जाएगा।

और कर दिया ऑक्शन

इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट कंस्ट्रक्शन वर्क शुरू करता उससे पहले ही प्राधिकरण के लैंड डिपार्टमेंट ने उस जगह पर प्लॉटिंग कर ऑक्शन कर दिया। सूत्रों की मानें तो वहां पर करीब क्ब् प्लॉट काटे गए, जिनमें क्क् को ऑक्शन कर दिया गया। सूत्रों की मानें तो ये पूरा मामला वीसी की देखरेख में हुआ है। कुछ दिन पहले एलआईजी फ्लैट बनाने को लेकर चीफ इंजीनियर की बात भी हुई थी। इसके बाद इस तरह से लैंड को बेच दिया गया।

आवेदकों के साथ हुआ धोखा

इस तरह का मामला सामने आने के बाद प्राधिकरण ने एक बार फिर से आवेदकों के साथ धोखा किया है। क्योंकि उन प्लॉटों पर पहले उन लोगों का हक था, जिन्होंने पहले से ही आवेदन कर अपना रुपया प्राधिकरण दिया हुआ था। प्राधिकरण को पहले उन लोगों के बारे में सोचना चाहिए था कि जो प्राधिकरण में अपने फ्लैट के लिए चक्कर काट रहे हैं, लेकिन इस मामले के बाद प्राधिकरण अधिकारियों का मकसद साफ नजर आ रहा है कि उनका सीधा मकसद रुपया कमाना है न कि लोगों की परेशानियों को हल करना।

तो ऐसे हुआ खुलासा

जब आई नेक्स्ट रिपोर्टर डिफेंस एंक्लेव लैंड स्कैम के बारे में डिपार्टमेंट के अधिकारियों से बातचीत कर रहा था तभी चीफ इंजीनियर ने उस खाली लैंड का नक्शा और संबंधित एई और जेई को बुला लिया गया। पूरी टीम उस लैंड की फिजिकल रिपोर्ट के साथ पहुंच गई। अधिकारियों ने लैंड स्कैम और एलआईजी की लैंड के बारे में पूछा। जेई ने बताया कि दूसरे डिपार्टमेंट ने एलआईजी की लैंड को भी ऑक्शन कर दिया है।

भ् लाख रुपए का है एक फ्लैट

प्राधिकरण के इन एलआईजी फ्लैट्स में एक फ्लैट की कीमत करीब पांच लाख रुपए बताई जा रही है। इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की मानें तो अगर एलआईजी फ्लैट बनते और अलॉट होते तो करीब डेढ़ करोड़ रुपए का फायदा होता। साथ ही प्राधिकरण के ऊपर से थोड़ा सा बोझ भी कम होता। डिपार्टमेंट के अधिकारियों की मानें तो इसके लिए वो वीसी से अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे।

हम वेदव्यासपुरी के आवेदकों के लिए जगह तलाश कर रहे हैं। अगर वो उन जगहों पर जाना चाहेंगे तो अच्छा है, वर्ना उनके रजिस्ट्रेशन का रुपया ब्याज समेत वापस कर दिया जाएगा।

- आईएस सिंह, चीफ इंजीनियर, एमडीए

आई नेक्स्ट सामने लाया था मामला

आई नेक्स्ट ही डिफेंस एंक्लेव लैंड मिसिंग मामले को सामने लेकर आया था। ख्फ् जुलाई को प्रकाशित 'फ्भ्00 स्क्वायर मीटर लैंड गायब' नाम के हेडिंग से खबर को प्रकाशित किया था। मामला ये था कि प्राधिकरण ने क्7 जुलाई को भ्भ्00 स्क्वायर मीटर लैंड ऑक्शन की थी, जिसके बाद जब आवंटी डिफेंस एंक्लेव पहुंचे तो उन्हें मौके पर जमीन ही नहीं मिली। मौके पर सिर्फ ख्000 स्क्वायर मीटर ही लैंड मिली। तब जाकर मामला सामने आया। तब से अब तक आई नेक्स्ट इस खबर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है।