- डिफेंस एनक्लेव में 17 जुलाई को हुआ था 34 प्लॉट का ऑक्शन

- प्राधिकरण ने 2100 से 3100 रुपए तक में किया ऑक्शन

- भूमाफियाओं के कब्जे में 10.5 करोड़ रुपए की संपत्ति

Meerut : एमडीए में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। हफ्ताभर पहले हुए लैंड ऑक्शन ने इस घोटाले की पोल खोलकर रख दी है। इस घोटाले के सामने आते ही प्राधिकरण के ऑफिसर्स अब बगले झांकने लगे हैं। वहीं प्राइवेट बिल्डर्स एवं भूमाफियाओं की पकड़ और एमडी की लापरवाही सामने आ गई है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर कहां, कैसे और कितना हुआ फ्रॉड?

डिफेंस एंक्लेव का मामला

बीती क्7 जुलाई को एमडीए ने डिफेंस एंक्लेव की खाली लैंड का ऑक्शन किया था, जिसमें फ्ब् लोगों को करीब भ्भ्00 स्क्वायर मीटर लैंड ऑक्शन हुई थी। जब सारी लिखा पढ़ी हो गई तो वहां पर लोग अपनी लैंड देखने के लिए मौके पर पहुंचे, लेकिन वहां पर लोगों को जो नंबर दिए गए वो मिले ही नहीं। वहां के लोगों से पूछताछ की तो कुछ और ही पता लगा। मौके पर देखा तो पता लगा कि जिस आदमी को क्म्भ् स्क्वायर मीटर की लैंड अलॉट हुई थी मौके पर वहां सिर्फ भ्म् मीटर ही निकली, जिसे देखकर वहां पर पहले से ही रहने वाले लोग तो चौंके ही, जिन्हें वो लैंड अलॉट हुई थी उनके पैरों से जमीन ही खिसक गई।

फ्भ्00 स्क्वायर मीटर लैंड गायब

आंकड़ों पर बात की जाए तो कई सौ स्क्वायर मीटर लैंड का घोटाला सामने आया है, जिसका कोई अता-पता नहीं है। भ्भ्00 स्क्वायर मीटर लैंड में से मौके पर सिर्फ ख्000 स्क्वायर मीटर लैंड ही मौके पर मौजूद है। करीब फ्भ्00 स्क्वायर मीटर लैंड मौके पर गायब है, जबकि प्राधिकरण के अधिकारी पूरी लैंड को नक्शे में बता रहे हैं। सवाल ये उठता है कि क्या ऑक्शन करने से पहले लैंड का फिजिकल स्टेटस नहीं पता लगाया गया था। अगर नहीं तो ये प्राधिकरण की सबसे बड़ी लापरवाही है।

करीब क्0.भ् करोड़ रुपए की लैंड

मौके पर से गायब लैंड की कॉस्ट की बात की जाए तो मार्केट रेट के हिसाब से करीब क्0.भ् करोड़ रुपए बैठ रही है, जो काफी ज्यादा है। एक्सपर्ट की मानें तो डिफेंस एंक्लेव के रेट ब्लॉक वाइज डिफरेंट हैं। यहां का एवरेज मार्केट प्राइस करीब फ्0 हजार रुपए पर स्क्वायर मीटर है। जो फ्भ्00 स्क्वायर मीटर के हिसाब से क्0.भ् करोड़ रुपए की कॉस्ट बन रही है।

सिर्फ डेढ़ करोड़ में ऑक्शन

अगर प्राधिकरण ऑक्शन की बात करें तो भ्भ्00 स्क्वायर मीटर की लैंड सिर्फ क्.म्भ् करोड़ रुपए में ऑक्शन कर दी। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राधिकरण ने ये लैंड ख्क्00 रुपए से लेकर फ्भ्00 रुपए में ऑक्शन की थी।

तो आखिर कहा गई लैंड?

अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर करीब फ्भ्00 स्क्वायर मीटर लैंड गई कहां? जबकि एमडीए के नक्शे में ये लैंड साफ दिखा रही है। डिफेंस एंक्लेव के लोगों की मानें तो ये लैंड बराबर की प्राइवेट कॉलोनी के बिल्डरों ने हथियाकर बिल्डिंग खड़ी कर दी हैं। इस बारे में प्राधिकरण को पता ही नहीं है। अब प्राधिकरण ऐसी कॉलोनियों पर कार्रवाई करने की बात कर रहा है। ताकि अपनी लैंड खाली कराई जा सके।

तो अलॉटी का क्या होगा?

प्राधिकरण के ऑफिसर्स की मानें तो ऐसे काफी कम ही लोग हैं जो भटक रहे हैं। उन्हें कहीं और प्लॉट दे दिया जाएगा। सवाल ये है कि क्या अलॉटी नई जगहों पर प्लॉट लेने को तैयार होंगे? क्योंकि डिफेंस एंक्लेव जैसी लैंड कहीं भी खाली नहीं होगी। शताब्दी नगर और लोहियानगर में वैसी बसावट भी नहीं है। अगर प्राधिकरण ऐसी जगहों पर लैंड देगा तो पब्लिक इनकार कर देगी।

तो हमें दे दीजिये लैंड

जब इस बारे में डिफेंस एंक्लेव के पुराने अलॉटी को इस बारे में पता लगा तो मंगलवार को एमडीए ऑफिस वीसी से मिलने के लिए पहुंचे। वहां लोगों ने कहा कि जो प्राधिकरण ने ऑक्शन किया है मौके पर सिर्फ थोड़ी सी ही लैंड है, जो उनके मकान के पीछे हैं। वो लैंड उन्हें ही ट्रांसफर कर दी जाए। ऐसे में प्राधिकरण के वीसी ने कहा कि नियमों के तहत क्0 फीसदी पुराने रेट और बाकी नए रेट में लेना होगा। वो भी ये नियम उनके लिए हैं जिनकी रजिस्ट्री नहीं हुई है। फिर भी एमडीए ने लोगों से अपना प्लान लाने को कहा है।

ऐसे लोग कम हैं, जिनको अलॉटमेंट के अनुसार जगह नहीं मिल पाई है। उन्हें कहीं जमीन अलॉट की जाएगी। हमने अलॉटमेंट नक्शा देखकर किया था। इसकी जांच कराई जाएगी।

- राजेश कुमार यादव, वीसी, एमडीए