- मुजफ्फरनगर दंगों के बाद दोनों संगठनों ने वेस्ट यूपी में झोंकी ताकत

- मजबूत किया जा रहा संप्रदाय विशेष के बचाव में फैला नेटवर्क

- 1992 में यूपी में संप्रदाय विशेष के 200 लोगों के मारे जाने के बाद ही दाऊद-लश्कर ने मिलाया था हाथ

Meerut : मुजफ्फरनगर दंगों के बाद से दाऊद इब्राहिम ने वेस्ट यूपी में फैले अपने नेटवर्क तेज कर दिया है। वेस्ट यूपी में लगातार हो रहे दंगों के बाद से ही डी-कंपनी और लश्कर-ए-तोइबा की एक्टीविटी बढ़ गई हैं।

दंगे के बाद हुए एलर्ट

मुजफ्फरनगर दंगों के बाद से विशेष संप्रदाय के बचाव के लिए दाउद इब्राहिम, लश्कर-ए-तोइबा और आईएसआई पहले से ज्यादा अलर्ट हो गए हैं। वेस्ट यूपी में फैले अपने नेटवर्क को ये तीनों पहले से ज्यादा मजबूत बनाने की कवायद में जुटे हैं। ये तीनों ही विशेष संप्रदाय के कुछ लोगों का ब्रेन वाश करने में लगे हैं, जिससे ये लोग इनके लिए काम कर सकें।

वेस्ट यूपी में पसरे पांव

मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद और सहारनपुर दंगे के बाद वेस्ट यूपी में दाऊद, लश्कर और आईएसआई के गुर्गो की गतिविधियां भी हुई हैं। सबूत के तौर पर कई आरोपी पुलिस की गिरफ्त में भी आए हैं। बात चाहे नकली नोटों के साथ पकड़े दाऊद के गुर्गे की हो या फिर हाल ही में पकडे़ गए दो आईएसआई एजेंट की हो।

अब जरूरत है सख्ती की

वेस्ट यूपी में पसरते पांव के बीच अब भारत की खुफिया एजेंसियों और पुलिस को काफी काम करने की जरूरत है। अपने नेटवर्क को और भी तेज करने की जरूरत है। जिससे इन तीनों के गुर्गो को तेजी से पकड़ा जा सके।