AGRA: उस मां को क्या पता था कि यह मेला उसके बेटों के जीवन अंतिम उत्सव होगा। सावन का अंतिम सोमवार उनके जीवन का अंत बन जाएगा। भाई को बचाने में दूसरे भाई ने भी अपनी जान दे दी। मां अपनी आंखों के तारों को लोगों की भीड़ में तलाश रही थी। लेकिन उसे क्या पता था कि बेटे अब इस दुनिया में नहीं रहे। लोगों के हाथों में बेटों के शव को देख मां के पैरों तले जमीन खिसक गई। कुछ पलों में मां की दुनिया बिखर गई। सूचना पर कई थानों का फोर्स पहुंच गया था।

मंदिर में हुआ हादसा

थाना शाहगंज के ग्यासपुरा निवासी करन सिंह मूल रूप से सुभाष नगर के रहने वाले हैं। वह यहां पर फूलवती के मकान पर किराए पर परिवार के साथ रहते हैं। इनके चार बेटे व एक बेटी है। बेटी की शादी हो चुकी है। करन की पृथ्वीनाथ मंदिर के पास ही सीट कवर की दुकान है। सावन का अंतिम सोमवार था। पृथ्वीनाथ मंदिर पर मेला लगा हुआ था। सैकड़ों भक्तों की भीड़ मेले में जुटी हुई थी। मंदिर में पैर रखने की भी जगह नहीं थी।

मां के साथ गए थे मेले में

रात साढ़े आठ बजे करीब मां राजकुमारी के साथ बड़ा बेटा 20 वर्षीय हाकिम व 12 वर्षीय सनी पृथ्वीनाथ मंदिर में मेला देखने गए थे। अंदर बहुत भीड़ थी। उस दौरान सनी ने मां से कहा कि वह कुछ खाने जा रहा है। सनी भाई हाकिम के साथ मंदिर के पीछे की तरफ चला गया। वहां पर झूले आदि लगे हुए थे। वहीं पर एक 15-20 फीट गहरा कुआं है।

भाई को बचाने में गई जान

कुएं के पास से गुजरने पर अचानक सनी का पैर फिसला और वह कुएं में जा गिरा। भाई को गिरता देख बड़ा भाई भी कुएं में कूद गया। उस दौरान मेले में शामिल कुछ लोग व झूले वालों की निगाह पड़ गई। उन्होंने चीखना शुरू कर दिया कि कोई गिर गया। सूचना पर तुरंत पुलिस पहुंच गई। बचाव कार्य के लिए दमकलकर्मी बुला लिए गए। कुएं के अंदर जहरीली गैस थी। दमकलकर्मियों ने दोनों को निकालने का रैस्क्यू शुरू कर दिया।

दोनों भाइयों की हो गई मौत

दमकलकर्मियों ने किसी तरह कुएं में उतर कर सनी को बाहर निकाला। इसके बाद हाकिम को बाहर निकाला गया। लेकिन दोनों की मौत हो चुकी थी। इस दौरान सैकड़ों लोगों की भारी भीड़ जमा थी।

मां ढूंढ रही थी बेटों को

मां बेटों का इंतजार कर रही थी। उस दौरान एक लड़के को लोगों के हाथ में देखा तो मां चीखी कि वो मेरा बेटा है। इसी के बाद जब दूसरे बेटे को उसी अवस्था में देखा तो उसकी आंखों के आगे अंधेरा छा गया। कुछ ही पलों में आंखों के सामने से गए बेटों ने जीवन भर के लिए उसे छोड़ कर चले गए। बेटों के शवों को देख मां बिलख पड़ी। इस दौरान देखने वालों की भी आंखें भर आई।

प्रशासन की लापरवाही से हुआ हादसा

पृथ्वीनाथ मेले में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ती है। इसके बावजूद भी वहां पर सुरक्षा के इंतजाम दुरुस्त नहीं थे। कुएं के पास कोई बैरीकेडिंग नहीं लगाई गई और नाहीं वहां पर सिक्योरिटी के लिए किसी को खड़ा किया गया कि यदि कोई आता हो तो उसे रोका जाए। प्रशासन की इस लापरवाही का खामियाजा एक परिवार को भुगतना पड़ा। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। परिजनों के मुताबिक हाकिम जूते का काम करता था। इधर, इस घटना से क्षेत्रीय लोगों में प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ गुस्सा बना हुआ है।