दो माह बाद ही नहीं शुरू हो सके विकास कार्य

जनता से लेकर निगम के पार्षद भी है परेशान

Meerut। नगर निगम में नई सरकार को बने हुए दो माह से अधिक का समय हो गया है। 12 दिसंबर को महापौर व पार्षदों ने शपथ ली थी। लेकिन यह दो माह का समय केवल हंगामें में ही बीत गया। पहले शपथ को लेकर तो उसके बाद चुनाव और बीते तीन दिन से अब निगम में हंगामा रहा। पार्षद नगर आयुक्त के खिलाफ धरने पर बैठे थे। पार्षदों के धरना-प्रदर्शन पर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने आम शहरवासियों की परेशानियों को टटोला।

दो माह से विकास ठप

नगर निगम में इन दो माह से अधिक समय में शहर में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है। हालात यह है कि सफाई तक नहीं हो पा रही है। इस बार बने दस नए वार्डो में सफाई कर्मी तक नहीं नियुक्त हुए हैं। उस वार्ड के पार्षद सफाई कराने को लेकर निगम के चक्कर काट रहे हैं। नगर स्वास्थ्य अधिकारी से लेकर नगर आयुक्त से गुहार लगा चुके हैं। बावजूद इसके अभी तक सफाई कर्मियों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है।

नहीं है बजट

निगम में विकास न होने का एक कारण यह भी है कि निगम के बोर्ड फंड खाली है। अवस्थापना निधि व 14 वें वित्त आयोग का पैसा है तो उसके टेंडर नहीं हो पा रहे हैं।

पार्षद बोले बुरे फंसे हम

दो माह से हो रहे हंगामे व विकास कार्य के न होने से पार्षदों ने यह कहना शुरू कर दिया है कि नगर निगम का चुनाव लड़कर बुरे फंस गए। काम हो नहीं पा रहे हैं। जनता परेशान हैं। यहां तक जनता को जवाब तक देना मुश्किल पड़ रहा है।

नगर निगम का बुरा हाल है। पिछले कई माह से नियमित सफाई नहीं हो पा रही है। सफाई कर्मचारी कभी-कभी आते हैं। वो भी काम चलाऊ सफाई करके चले जाते हैं।

अरूण, वार्ड 15

निगम के चुनाव हुए तीन का माह का समय होने वाले है। लेकिन अभी तक कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। न तो सफाई कर्मी आ रहे और न ही नाले व नालियों की सफाई हो रही है।

टीटू, वार्ड 15

नगर निगम से काम की अपेक्षा करना अपने को ही धोखा देना है। पहले तो कभी-कभी निगम के सफाई कर्मी आ भी जाते थे, लेकिन पिछले कई महीने से कोई भी सफाई कर्मी नहीं आ रहा है।

सोनू कुरैशी, वार्ड 73

जब से चुनाव हुए तब से शहर की स्थिति और बेकार हो गई है। हर तरफ गंदगी के ढेर है। कई बार निगम में शिकायत की उसके बाद भी सफाई कर्मी नहीं आते हैं।

यामीन, वार्ड 73

नगर निगम कम से कम नियमित रूप से सफाई तो करा सकता है। चाहे फिर इसके बदले महीने के पैसे लेना शुरू कर दे। कम से कम नियमित रूप से सफाई तो होगी। हर तरफ गंदगी नहीं देखने को मिलेगी।

सोनू, वार्ड 29

नगर निगम टैक्स की वसूली करता है तो सुविधा भी तो देनी चाहिए। इनके काम न करने के कारण शहर स्मार्ट सिटी बनने से रह गया। इससे ही सबक ले लें। दो माह से कोई काम शहर में नहीं हुआ है।

लोकेश, वार्ड 29

दो माह से अधिक समय हमें शपथ लिए हो गया है। निगम के अधिकारी काम करने के लिए तैयार नहीं है। यही कारण है कि हम लोगों को धरने पर बैठना पड़ा। हम जनता के बीच रहते हैं।

पवन चौधरी, पार्षद वार्ड 29

निगम के अधिकारी काम करने के लिए तैयार नहीं है। सभी अधिकारी सत्ता के दबाव में काम कर रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। जनता ने हमें विकास कराने के लिए ही जिताकर निगम भेजा है। दो माह से कोई काम नहीं हुआ है।

मोहम्मद गफ्फार, पार्षद वार्ड 73

मेरे वार्ड में जलभराव की समस्या है। निगम में अनेक बार जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए कह चुका है। लेकिन निगम के अधिकारी सुनने के लिए तैयार नहीं है। यदि यही हाल रहा तो मजबूरन निगम के खिलाफ मोर्चा खोलना पड़ेगा।

कुलदीप सैन, पार्षद वार्ड 15