हमलावरों के खिलाफ पिता से बोले थे अंतिम शब्द

अंतिम समय तक संजलि के मन में भरा था गुस्सा

आगरा। अगर मैं जिंदा बची तो हमलावरों को नहीं छोडूंगी, उन्हें मार दूंगीये अंतिम शब्द संजलि ने अपने पिता से बोले थे। ये आखिरी शब्द थे उस संजलि के जिसे जिंदा जला दिया गया। अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझते समय भी संजलि के मन में हमलावरों के खिलाफ बहुत गुस्सा था। इधर संजलि मौत के आगोश में समां रही थी उधर मजबूर पिता बेटी की तरफ देख रहे थे। मलपुरा के गांव लालऊ में दिलदहलाने वाली घटना का शिकार हुई संजलि के हमलावर अभी तक पुलिस की पकड़ में नहीं आ सके हैं। संजलि को भी नहीं पता चला कि उसे किसने जलाया। वह मात्र दो बाइक सवारों को जानती थी जो हेलमेट लगाए थे।

नहीं भूल पा रहे हैं बेटी का दुख

गुरुवार को परिजनों ने संजलि की चिता को आग दी तो शुक्रवार को योगेश का शव पहुंच गया। इस घटना को लेकर हर कोई परेशान है कि ऐसा क्यों हुआ। आखिर संजलि का क्या दोष था, क्या उसके परिवार से कोई गलती हुई, क्या उसका किसी से विवाद हुआ या फिर संजलि ने किसी से कुछ ऐसा तो नहीं कहा कि उसने बदला लेने की भावना से उसे जिंदा ही जला डाला। ऐसे कई सवाल ग्रामीणों के मन में उठ रहे हैं।

सबकुछ लगा देते दांव पर

संजलि बहुत ही मेधावी थी। उसने ट्रॉफी भी जीती। घरवालों को पता था कि वह एक दिन परिवार का नाम जरूर रोशन करेगी। ये कहना था संजलि के पिता का। पिता उसकी पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते थे। संजली के मन में बहुत कुछ करने की इच्छा थी। पिता का कहना था कि बेटी जो भी करती, वह उसका साथ देते। वह उसकी पढ़ाई पर अपना सब-कुछ दांव पर लगा देते लेकिन कोई कमी नहीं रहने देते।

आंखों में कट रही रात

संजलि के दाह संस्कार के बाद भी परिवार में किसी की पलकें नहीं झपकीं। परिवार ने रात आखों ही आखों में काट दी। बेटी की मौत से सदमे में आई मां अब भी संजलि का नाम पुकार कर उसे घर में ढूढ़ने लगती है। परिवार के लोग मां को किसी तरह समझाते हैं। संजली के जाने के बाद भी उसके होने का एहसास बाकी रह गया है। परिवार को अब भी लगता है कि संजलि अब भी उनके बीच है।

सहेलियों के नहीं थम रहे आंसू

संजलि के साथ पढ़ने वाली सहेलियों को उसके जाने का बहुत दुख है। स्कूल के गेट पर सहेलियां उसका इंतजार करती थीं। वह लंच हमेशा साथ में करती थीं। साथ में सभी पढ़ाई करते थे। कहीं कोई दिक्कत होती थी तो एक दूसरे से शेयर कर सॉल्व कर लेते थे।