>RANCHI:लम्हा-लम्हा साल ख्0क्ब् जहां हमसे रूख्सत होता जा रहा है, वहीं साल ख्0क्भ् भी दस्तक देने को तैयार है। चंद दिनों जब नए साल का सवेरा होगा तो बीते साल के अंधेरे और उजाले भी हमारे जेहन में कहीं न कहीं अपना वजूद बनाए रखेंगे। अपनी खट्टी-मीठी यादों को लेकर यह साल गुजर तो जाएगा, लेकिन कुछ ऐसी घटनाएं आने वाले दिनों में भी इस साल की याद दिलाती रहेंगी। ऐसे में आखिर वो कौन-सी यादगार घटनाएं हुई, जो इस साल सुर्खियों में बनी रहीं। पेश है आई नेक्स्ट की रिपोर्ट

साल पर चर्चा में रही रिम्स की हड़ताल

रिम्स में ख्भ् मई को जुनियर डॉक्टर और मरीज के परिजनों के बीच हुई मारपीट चर्चा में रही। जिसके बाद रिम्स के जुनियर डॉक्टरों ने रिम्स में हड़ताल कर दी, इससे रिम्स की चिकित्सीय सेवा पूरी तरह चरमरा गई। हालांकि रिम्स में जुनियर डॉक्टर और मरीजों के बीच मारपीट की यह घटना नई नहीं थी, बल्कि यहां अक्सर जुनियर डॉक्टर और मरीज के परिजनों के बीच ऐसी घटना होती रहती है। वहीं, आए दिन राज्य के सबसे बडे अस्पताल में किसी न किसी कारण हड़ताल भी जारी रहती ही है। इससे मरीजों को बहुत परेशानी होती है।

पत्रकारों के साथ भी मारपीट

रिम्स के जुनियर डॉक्टरों द्वारा अक्टूबर महीने में पत्रकारों के साथ भी मारपीट की गई। इसके बाद रिम्स के क्क् जुनियर डॉक्टरों पर बरियातू थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। और फिर से जुनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए, लेकिन पुलिस और सरकार के कड़े तेवर को देख कर जुनियर डॉक्टरों ने हड़ताल वापस ले लिया। अभी भी क्क् जुनियर डॉक्टर फरार चल रहे हैं और पुलिस उनके खिलाफ कुर्की-जब्ती का आदेश भी निकाल चुकी है। इस पूरे साल में चार बार से अधिक जुनियर डॉक्टरों ने रिम्स की चिकित्सीय व्यवस्था को ठप किया। साल ख्0क्ब् में रिम्स की हड़ताल चर्चा में रही।

संकल्प की शहादत नहीं भूल पाएगी रांची

भ् दिसंबर ख्0क्ब् को कश्मीर में रांची के बूटी मोड निवासी पंजाब रेजिमेंट के लेफ्टिनेंट कर्नल संकल्प शुक्ला आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए। उनकी शहादत की चर्चा देश भर में हुई। अपने इस लाल को अंतिम विदाई देने जहां पूरी रांची सड़क पर उमड़ पड़ी थी, वहीं केंद्रीय मंत्रियों से लेकर गवर्नर, सीएम, मंत्री और प्रशासनिक अधिकारी भी पीछे नहीं रहे। संकल्प की अंतिम यात्रा के समय पूरी रांची एक हो गई थी, सभी सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तानी बन गए थे.संकल्प शुक्ला के शहीद होने की खबर से रांची के साथ -साथ पूरा देश सदमे में रहा। प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी ने हजारीबाग की अपनी चुनावी सभा में कहा था कि संकल्प शुक्ला की शहादत बेकार नहीं जाएगी। रांची के संकल्प ने जिस बहादुरी के साथ आतंकवादियों से लोहा लिया है उस पर हम सभी देश वासियों को गर्व है। प्रधानमंत्री के अलावा सेना के प्रमुख अधिकारियों ने भी संकल्प की शहादत को देश की क्षति बताया था।