पूरे विश्व में फीमेल सिक्योरिटी गाड्र्स लोगों की पहली पसंद बनती जा रही है। बड़े बिजनेसमैन भी घरों में फीमेल सिक्योरिटी गाड्र्स को ही प्रीफर कर रहे हैं। इसके पीछे गल्र्स का सिनसियर होना मेन वजह है। सिक्योरिटी गार्ड की जॉब फीमेल्स के लिए बेस्ट कॅरियर अपॉच्र्यूनिटिज भी बनती जा रही है। सिटी में भी प्राइवेट सिक्योरिटी गाड्र्स की डिमांड बढ़ गई है। इसके लिए सिटी में उन्हें बकायदा सिक्योरिटी गार्ड की ट्रेनिंग भी दी जा रही है।

बदल रहा city का trend
जमशेदपुर को मिनी मेट्रो के रूप में जाना जाता है। यहां मॉल व मल्टीप्लेक्स कल्चर भी लगातार बढ़ता जा रहा है। यहां मेल के साथ ही फीमेल सिक्योरिटी गाड्र्स की भी नियुक्ति की जा रही है। ऐसे में फीमेल सिक्योरिटी गाड्र्स के इंर्पोटेंस को सहज ही समझा जा सकता है। सिटी में हाल के दिनों में कई मॉल व मल्टीप्लेक्स खुले है। इसके साथ ही कई दूसरे पाइपलाइन में है। यहां फीमेल सिक्योरिटी गाड्र्स की भी जरूरत पड़ेगी। इसकी भरपाई करना भी सिक्योरिटी एजेंसीज के लिए एक चैलेंज है। यही कारण है कि अब सिक्योरिटी एजेंसीज में मेल के साथ ही फीमेल सिक्योरिटी गाड्र्स का भी रिक्रूटमेंट किया जा रहा है, ताकि बदलते ट्रेंड के साथ चला जा सके। फीमेल सिक्योरिटी गाड्र्स के रिक्रूटमेंट के पीछे एक कारण यह भी है कि उन्हें कई मौके पर मेल गाड्र्स से ज्यादा सिनशिएरिटी से काम करते हुए देखा गया है।

500 से ज्यादा female guards
सिटी में 2 दर्जन से भी ज्यादा सिक्योरिटी एजेंसीज हैैं। इनमें से कई के पास फीमेल सिक्योरिटी गाड्र्स नहीं है। लेकिन हाल के दिनों में फीमेल सिक्योरिटी गाड्र्स की वैल्यू को देखते हुए ये लोग भी इसकी रिक्रूटमेंट की प्लानिंग कर रहे हैैं। इंफॉर्मेशन के मुताबिक सिटी की सिक्योरिटी एजेंसीज में 500 से भी ज्यादा फीमेल सिक्योरिटी गाड्र्स है।

दी जा रही training
फीमेल सिक्योरिटी गाड्र्स के डिमांड को देखते हुए ‘बसेरा’ द्वारा फीमेल सिक्योरिटी गार्ड ट्रेनिंग प्रोग्र्राम चलाया जा रहा है। इसके लिए बसेरा ने महिलाओं से एप्लीकेशन मांगे है। इसके लिए 16 से 21 जनवरी तक फॉर्म मिलेंगे, जिसे 30 जनवरी तक जमा करना है। इसकी उम्र सीमा 18 से 40 वर्ष के बीच रखी गई है। अब तक बसेरा से महिला सिक्योरिटी गाड्र्स की तीन बैच निकल चुकी है। इन तीन बैच में लगभग 100 महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। बसेरा की मैनेजिंग ट्रस्टी चंद्रा शरण कहती हैैं कि हर बार काफी संख्या में एप्लीकेशन आते हैैं। यहां हर बैच में 25-30 को ही ट्रेनिंग दी जाती है। इसलिए रिटेन एग्जाम व इंटरव्यू भी लिया जाता है।

सामने आ रही हैं महिलाएं
बिष्टुपुर स्थित बसेरा में इच्छुक महिलाओं व युवतियों को ट्रेनिंग दी जाती हैै। यह ट्रेनिंग लगभग 30 दिनों की होती है। इस दौरान इन्हें हर तरह की जानकारी दी जाती है। बसेरा की मैनेजिंग ट्रस्टी चंद्रा शरण कहती है कि ट्रेनिंग के लिए सबसे ज्यादा रुझान ट्राइबल व रूरल एरिया की महिलाओं व युवतियों में देखने को मिल रहा है। वहीं अर्बन एरिया की महिलाएं भी अब सामने आ रही हैैं। महिलाओं को सिक्योरिटी की ट्रेनिंग देने में सिक्योरिटी कंपनी ब्रेवो द्वारा हेल्प की जाती है। चंद्रा शरण कहती है कि इसके जरिए कैंडिडेट्स को 15 से 20 दिनों की ऑन द जॉब ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि वे काम की बारिकियों को समझ सकें। इसके अलावा ट्रेनिंग लेने वाली महिलाओं को सिक्योरिटी के रूल्स भी बताए जाते है, ताकि वे अपना बेहतर परफॉर्मेंस दे सके। इसके अलावा इन्हें फिजिकली फिट रहने की जानकारी भी दी जाती है। इसके तहत इन्हें जूडो व कराटे की भी जानकारी दी जाती है। इसका मकसद यह है कि वे दूसरों के साथ-साथ अपनी सुरक्षा भी कर सकें।

मिलता है बेहतर placement
ट्रेनिंग के बाद महिला सिक्योरिटी गाड्र्स को बेहतर प्लेसमेंट भी मिलता है। सिटी की सिक्योरिटी कंपनियों के जरिए इन्हें जॉब पर रखा गया है और आज ये मंथली 5000 रुपए तक अर्न कर रही हैैं। बसेरा से ट्रेनिंग प्राप्त करने के बाद इन महिलाओं को सिक्योरिटी एजेंसी में 5000 व इससे ज्यादा के मंथली सैलेरी पर आसानी से जॉब मिल रहा है। चंद्रा शरण कहती हैैं कि यहां से ट्रेंड महिलाएं जुस्को, टाटा ब्लूस्कोप, टिनप्लेट हॉस्पिटल व अन्य जगहों पर तैनात हैैं। वे कहती हैैं कि इनके बेहतर काम को देखते टिनप्लेट हॉस्पिटल से एक्स्ट्रा 10 गाड्र्स के अलावा टीसीएस से भी फीमेल सिक्योरिटी गाड्र्स की डिमांड की गई है।

यहां है female guards
- पायल टाकीज
- बिग बाजार
- आईलेक्स
- टाटा मोटर्स
- जुस्को
- टाटा ब्लूस्कोप
- आईएसडब्ल्यूपी

City की security agencies

- ब्रेवो सिक्योरिटी
- एसआईएस
- टाइगर सिक्योरिटी
- इंटेलिजेंस सोल्जर
    सक्योरिटी  फोर्स (आईएसएसएफ)
- ग्र्रुप फोर
- विजर्ड सिक्योरिटी
- नियोन सिक्योरिटी
- टॉप सिक्योरिटी