एसओ की गलती से बवाल

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दोबारा वीसी से मिलने जा रहे छात्रों के प्रतिनिधि मंडल में शामिल एबीवीपी के संगठन मंत्री को तमाचा मारने पर भड़के छात्र

- धक्का देकर मेन गेट खोल दिया और अंदर घुस गए, रोकने के लिए पुलिस ने किया लाठी चार्ज, छात्रओं पर भी बरसाए डंडे

KANPUR: छात्रों के अपनी मांगों को लेकर यूनिवर्सिटी पहुंचने और प्रदर्शन करने की जानकारी पहले से होने के बावजूद पुलिस उन्हें हैंडल नहीं कर पाई। यहां तक कि छात्रों के मुताबिक, एसओ बिठूर की गलती के कारण ही बवाल शुरू हुआ। छात्रों का कहना है कि प्रतिनिधि मंडल जब कैंपस के अंदर जा रहा था तो बिठूर एसओ ने ही एबीवीपी के संगठन मंत्री के तमाचा मार दिया था। जिसे देख छात्र भड़क गए थे। छात्रों ने बिठूर एसओ पर गाली गलौज करने का भी आरोप लगाया।

बनती बात बिगड़ गई

छात्रों के प्रतिनिधि मंडल को वीसी से मुलाकात में भी कोई ठोस आश्वासन मिलने से छात्र नाराज थे। जीटी रोड पर धरने पर बैठे छात्र-छात्राएं कुलपति और यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। सीओ ने उनको समझाने की कोशिश की, लेकिन वे पुख्ता आश्वासन मिलने की जिद पर अड़ गए। सीओ ने छात्रों के प्रतिनिधि मंडल को दोबारा यूनिवर्सिटी प्रशासन से मिलवाने का भरोसा दिलवाकर धरने से उठा दिया। आरोप है कि इसके बाद पांच सदस्यों का प्रतिनिधि मंडल कैंपस के अंदर जाने लगा तो एक दरोगा ने संगठन मंत्री सुमित को पीछे से तमाचा मार दिया। इसे देख सहमंत्री प्रशांत ने विरोध किया तो पुलिस कर्मियों ने धक्का देकर सभी को गेट के अंदर कर दिया। प्रशांत का आरोप है कि कैंपस के अंदर सीओ ने उनसे अभद्रता की।

साथियों से अभद्रता पर फूटा गुस्सा

यूनिवर्सिटी गेट पर खड़े छात्र-छात्राओं ने प्रतिनिधि मंडल के साथ अभद्रता होते हुए देखा तो वे फिर भड़क गए। इस बार उन लोगों ने धक्का देकर गेट को खोल दिया और अंदर घुस गए। पुलिस कर्मियों ने उनको रोकने की कोशिश की तो वे पुलिस कर्मियों से भिड़ गए। स्थिति बेकाबू हो गई। जिसे संभालने के लिए पुलिस ने छात्र-छात्राओं पर लाठीचार्ज किया जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। वे बचने के लिए इधर उधर भागने लगे। जब छात्र-छात्राओं ने देखा कि वे बच नहीं पाएंगे तो उन लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। लाठीचार्ज और पथराव में सात छात्र और तीन पुलिस कर्मी घायल हो गए। पुलिस ने एबीवीपी के संगठन मंत्री सुमित, सहमंत्री प्रशांत त्रिपाठी, आजाद युवा छात्र संगठन के पदाधिकारी देवराज, निर्भय सिंह समेत सात छात्रों को हिरासत में लिया। जिसका पता चलने पर क्षेत्रीय विधायक नीलमा कटियार ने पुलिस अफसरों से बात की। इसके बाद प्रशांत, सुमित समेत छह छात्रों को छोड़ दिया गया, जबकि देवराज और निर्भय अभी भी पुलिस की हिरासत में है।

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छात्राओं को भी नहीं बख्शा

गुस्से में पुलिस ने छात्राओं को भी नहीं बख्शा। छात्राएं गिड़गिड़ाती रहीं, लेकिन पुलिस कर्मियों को उन पर रहम नहीं आया। लाठीचार्ज में छात्रा वृत्ति, तानिया, प्रीति और छात्र विकास गुप्ता, हिमांशी, फजल का सिर फट गया। इसके अलावा कई अन्य छात्र-छात्राएं चुटहिल हुए है। साथियों ने प्राथमिक उपचार कराने उनको घर भेजा।

होमगार्ड और दरोगा की वर्दी भी फाड़ी

यूनिवर्सिटी बवाल में गुस्साएं छात्र-छात्राएं कैंपस के होमगार्ड धर्मेद्र सिंह से मारपीट की। एसएसआई पुष्पराज सिंह ने उनको रोकने की कोशिश की तो छात्रों ने उनसे भी अभद्रता करते हुए वर्दी फाड़ दी। एसएसआई पुष्पराज से मारपीट करने के आरोप में पुलिस ने देवराज और निर्भय को हिरासत में लिया है। इसके अलावा सिपाही दीपक सिंह के साथ भी छात्रों ने मारपीट की। जिसमें वह गंभीर रूप से चुटहिल हो गया है। एबीवीपी के सहमंत्री प्रशांत त्रिपाठी के मुताबिक वे लोग एसएसपी से मिलकर पुलिस के बर्ताव की शिकायत करेंगे।