भीड़ अधिक होने पर जेल प्रशासन की व्यवस्थाएं हुई फेल

बहन-भाई को मिलवाने में दिनभर चला उगाही का खेल

बिना मिलाई मायूस लौट गई कुछ बहनें, जेल प्रशासन को कोसा

Meerut : भाई की कलाई पर राखी बांधने जिला जेल गई महिलाओं पर लाठी बरसाई गई। यूं तो सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए लाख दावे करती है, पर यहां क्या हुआ? वजह सिर्फ यह थी हर बहन अपने भाई की कलाई से जल्दी राखी बांधना चाह रही थी और जेल प्रशासन की तैयारियां सिफर थी। जेल में भीड़ बढ़ी तो सरकार के नुमाइंदों ने लाठियों फटकार दी। जेल में हुई इस घटना को गंभीरता से लेते हुए समाज के कुछ नुमाइंदे इसे लखनऊ तक ले जाने की बात कर रहे हैं। जेल के गेट पर जमकर हंगामा हुआ। कई महिलाएं नीचे गिरने से घायल हो गई तो कई भाई से मिले बिना वापस चली गई।

अलसुबह लग गया तांता

शनिवार को रक्षाबंधन के दिन अलसुबह 6 बजे से ही चौधरी चरण सिंह जिला कारागार पर जेल में बंद भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए बहनों का तांता लगने लगा था। दस बजते-बजते जेल पर भीड़ का आलम यह था कि जेल प्रशासन की व्यवस्थाएं ध्वस्त होनी शुरू हो गई थी। महिलाएं भाइयों के राखी बांधने को इतनी उत्सुक थी कि उन्हें पता ही नहीं चला कि उन्होने लाइन तोड़ दी है।

लाइन तोड़ने पर लाठियां

कुछ महिलाओं ने गेट तक पहले जाने के लिए लाइन तोड़ी तो वहां तैनात बंदीरक्षकों ने नोकझोंक के बाद उनपर लाठियां बरसानी शुरू कर दी। महिलाओं को अंदर भेजने में मदद कर रहे पुरुषों पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाई। पुलिसिया तांडव देखकर महिलाओं में भगदड़ मच गई। अफरा-तफरी में कई महिलाएं गिर गई तो कई घायल हो गई। लाठीचार्ज के बाद महिलाओं ने हंगामा शुरू कर दिया। जेल अधीक्षक के दखल के बाद मामला बामुश्किल शांत हो सका। करीब दो घंटे तक चले घटनाक्रम के बाद मिलाई का सिलसिला शुरू हुआ।

लाठियों के आगे डटी रहीं बहनें

जेल में निरुद्ध भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए महिलाएं अडिग थी तो वहीं जेल पुलिस ने भी कई बार लाठियां फटकार कर महिलाओं को दौड़ाया। कड़ी मशक्कत के बावजूद महिलाओं के इरादे बुलंद थे, तेज धूप में घंटों जेल के गेट पर खड़ी रहकर महिलाओं ने भाई की कलाई में राखी बांधी। फलावदा से राखी बांधने आई अनीता ने बताया कि भाई के राखी बांधे बिना वापस नहीं जाएगी। चाहे पुलिस कितनी ज्यादती कर ले।

ताक पर रहे शासन के निर्देश

रक्षाबंधन पर्व से पहले ही प्रदेश के सभी जेल अधीक्षकों को शासन से लेटर भेजकर निर्देश जारी किया था कि रक्षाबंधन पर्व पर कोई बहन बिना राखी बांधे वापस न लौटे और पर्व व्यवस्थित रूप से मनाया जाए। बाद इसके मेरठ में हुए घटनाक्रम निंदनीय है। जेल प्रशासन की लापरवाही से हजारों बहनों को मुसीबत का सामना करना पड़ा।

134 लौटीं मायूस

जेल प्रशासन के मुताबिक शाम पांच बजे तक कुल 2500 बहनों ने जेल में बंद भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा। करीब 134 बहनें आपाधापी और लाठीचार्ज के बाद बिना राखी बांधे ही घर लौटी। बहनों ने बिना राखी बांधे घर लौटने का कारण टाइम ज्यादा होना बताया।

--

खुलेआम चला उगाही का खेल

जेल में मिलाई के दौरान जेल कर्मियों व लम्बरदारों द्वारा मिलाई का समय बढ़वाने के लिए दिन भार खुलेआम उगाही का खेल चलता रहा। नाम न छापने की शर्त पर एक पुलिसकर्मी ने बताया कि आज के दिन लम्बरदार कई महिने का माल अंदर कर लेते हैं।

फोटोस्टेट के नाम पर वसूली

मेडिकल थाने की जेल पुलिस चेक पोस्ट पर फोटोस्टेट के लिए प्रिंटर रखा हुआ था। बंदियों से मिलने के लिए महिलाएं अपने पहचान पत्र की फोटोस्टेट करा रही थी। प्रत्येक फोटोस्टेट के लिए महिलाओं से दस रुपये वसूले जा रहे थे।

अवैध वसूली ने कराया हंगामा

पर्ची बना रहे सिपाहियों ने अपने पास कुछ युवकों को ठेकेदारी के रूप में लगा रखा था, जो महिलाओं को जल्द पर्ची नंबर दिलाने के नाम पर पचास से सौ रुपये ले रहे थे। रुपये लेकर युवकों को बंदी रक्षक तत्काल ही चढ़ाकर नंबर दे देते थे।

किसी भी बहन को बिना राखी बांधे वापस नहीं जाने दिया गया। पुलिस द्वारा लाठियां भांजने की बात झूठी है। हां, कुछ पुरुष अव्यवस्था फैला रहे थे उन्हें लाठी दिखाकर खदेड़ा गया।

-एचएम रिजवी

जेल अधीक्षक, मेरठ