रजिस्ट्रार ऑफिस का ताला तोड़ने पर स्टूडेंट्स पर बरसी लाठियां

- रजिस्ट्रार ऑफिस खोलने को लेकर हुई पुलिस उग्र

- आधा दर्जन से अधिक स्टूडेंट्स को पुलिस ने हिरासत में लिया

- पुलिस की यूनिवर्सिटी के अंदर और बाहर भारी फोर्स तैनात

Meerut : पिछले दिनों से यूनिवर्सिटी के हालातों को देखते ऐसा लग रहा था कि स्टूडेंट्स और पुलिस के बीच तनातनी होनी है। शुक्रवार को यह देखने को मिल ही गई। पुलिस ने जहां एक ओर रजिस्ट्रार ऑफिस का जबरन गेट खोलने को लेकर स्टूडेंट्स पर लाठियां बरसाई और उन्हें हिरासत में लिया। वहीं स्टूडेंट्स ने साफ कर दिया है कि शनिवार को जिले के सभी डिग्री कॉलेजों को बंद रखा जाएगा। उसके बाद सोमवार को कमिश्नर से मिला जाएगा। अगर तब भी कोई हल निकला तो यूनिवर्सिटी में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठा जाएगा।

पहले ही दिया था अल्टीमेटम

शुक्रवार को यूनिवर्सिटी में जमकर हंगामा हुआ। रजिस्ट्रार कार्यालय पर लगे सील को तोड़ने और कार्यालय में शासन से नियुक्त रजिस्ट्रार मनोज सिंह को बैठाने के लिए डीएन कॉलेज, मेरठ कॉलेज और यूनिवर्सिटी के काफी तादाद में छात्र नेता पहुंचे। छात्र नेताओं ने पूर्व में ही यूनिवर्सिटी के कुलपति और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को ताला तोड़ने का अल्टीमेटम दिया था।

शुरू कर दिया ताला तोड़ना

अल्टीमेटम को देखते हुए कैंपस में पहले से ही पुलिस फोर्स तैनात थी। डीएन कॉलेज के छात्र नेता अंकित चौधरी, अमित बड़ौली, मेरठ कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विराट चौधरी सहित छात्र नेताओं का समूह यूनिवर्सिटी के कुलपति के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रजिस्ट्रार कार्यालय की ओर बढ़ा। छात्रों के हुजूम को देखते हुए रजिस्ट्रार कार्यालय के बाहर का चैनल बंद करा दिया गया। आक्रोशित छात्रों ने चैनल पर लगे ताले को हथौड़े से तोड़ना शुरू कर दिया।

पुलिस ने बरसाई लाठियां

इसके बाद स्थिति बिगड़ गई, पुलिस ने छात्रों को लाठियां बरसानी शुरू कर दी। इससे परिसर में भगदड़ मच गई। पुलिस के लाठीचार्ज से मेरठ कॉलेज के छात्र पुष्पेंद्र, अक्षित को गंभीर चोटें आई, वहीं कई छात्रों के सिर, पैर पर चोटें आई। परिसर में इधर उधर भागकर छिपने की कोशिश में लगे छात्रों को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। पुलिस के लाठी चार्ज के विरोध में प्रशासनिक भवन के नीचे छात्र नेता धरना देकर बैठ गए। पुलिस ने यूनिवर्सिटी में बवाल करने के लिए आठ छात्रों को हिरासत में लिया। जिन्हें शाम को छोड़ दिया गया। पुलिस के लाठीचार्ज के दौरान परिसर में न तो वीसी रहे, न ही प्रोवीसी। चीफ प्रॉक्टर जितेंद्र ढाका मोर्चा संभाले रहे। पुलिस के लाठीचार्ज और यूनिवर्सिटी के रवैये की छात्रों ने निंदा की है। परिसर में एसीएम रितु पुनिया, सीओ वंदना मिश्रा, एसपी सिटी सहित पुलिस और प्रशासन के कई अधिकारी डटे रहे।

हिरासत में लिए स्टूडेंट्स

डीएन कॉलेज के छात्र नेता अंकित चौधरी, अमित बड़ौली, मेरठ कॉलेज के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष विराट चौधरी, अंकुर ठाकुर, पुष्पेंद्र कुमार, हितेश रस्तोगी, अक्षित चौधरी, यश गुप्ता को गिरफ्तार कर मेडिकल पुलिस ले गई, हालांकि पुलिस ने शाम को छात्रों को छोड़ दिया।

भाजपा नेताओं ने लगाया जोर

जैसे ही भाजपा नेताओं को एबीवीपी छात्रों के हिरासत में की खबर पता लगी तो कई लोग मेडिकल थाने की ओर दौड़ पड़े। जब मेडिकल थाने से बात नहीं बनी तो एक प्रतिनिधि मंडल डीआईजी से मिला, जिसके बाद स्टूडेंट्स को छोड़ दिया गया।

स्टूडेंट्स की नहीं हुई पिटाई

वहीं मौके पर मौजूद एसीएम-ब् रितु पुनिया की मानें तो किसी भी स्टूडेंट्स पर लाठियां नहीं बरसाई गई। उन्होंने कहा कि मैं मौके पर मौजूद थी। सिर्फ एसपी सिटी ने स्टूडेंट्स को इतना ही कहा था कि जो बवाली स्टूडेंट्स हैं वो वहां से चले जाएं। कोई भी स्टूडेंट्स बवाल करता हुआ नहीं दिखाई देना चाहिए। उन्होंने आगे ये भी कहा कि रजिस्ट्रार के गेट पर जो सील लगी है वो यूनिवर्सिटी की कमेटी द्वारा कानूनी तरीके से लगाई गई है। उसे कोई जबरन तोड़ेगा या प्रयास करेगा तो उसे रोकने के लिए पुलिस कुछ तो कार्रवाई करेगी ही।

एसपी सिटी मतलब बवाल पक्का

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब एसपी सिटी डंडा स्टूडेंट्स पर पहली बार टूटा है। ऐसे पहले भी कई मौके पर आए हैं जब एसपी सिटी ने अपनी ताकत की जोर आजमाइश स्टूडेंट्स पर दिखाई। यहां तक की छात्र संघ चुनाव के दौरान भी स्टूडेंट्स को प्यार से समझाने की जगह अपने डंडे का उपयोग ज्यादा किया है।

ये है मामला

यूनिवर्सिटी में अक्टूबर से रजिस्ट्रार मनोज सिंह और कुलपति वीसी गोयल के बीच विवाद चल रहा है। कुलपति ने शासन से नियुक्ति रजिस्ट्रार मनोज सिंह को हटाने के बाद प्रभाष द्विवेदी को को रजिस्ट्रार बनाया। कुलपति ने मनोज सिंह को कार्यालय में बैठने से रोकने के लिए कुछ महीने पहले कार्यालय से उनका सामान बाहर करते हुए सील लगवा दिया। मंगलवार को डीएन कॉलेज, मेरठ कॉलेज के छात्र नेता कुलपति से मिलकर रजिस्ट्रार कार्यालय का ताला खुलवाने की मांग की, ताला न खोलने पर उसे खुद तोड़ने के लिए चेतावनी दी। शुक्रवार को छात्रों ने ताला तोड़ने का प्रयास किया। चीफ प्रॉक्टर जितेंद्र ढाका ने ताला खोलने से इनकार किया। इसके बाद छात्र हथौड़ा लेकर ताला तोड़ने लगे। जिसे रोकने के लिए एसओ मेडिकल ने छात्रों पर लाठीचार्ज करने का आदेश दिया।

रजिस्ट्रार कार्यालय को वैधानिक तरीके से सील किया गया है। इसे बाहर के किसी भी छात्र, व्यक्ति को तोड़ने का अधिकार नहीं है। छात्रों ने असंवैधानिक काम करने का प्रयास किया। यूनिवर्सिटी में लॉ एंड आर्डर को सही रखने की जिम्मेदारी उनकी है। घटनाक्रम से कुलपति को अवगत करा दिया गया है। परिसर में अराजकता को रोकने के लिए नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

-डॉ। जितेंद्र कुमार ढाका, चीफ प्रॉक्टर, सीसीएसयू

मेरे सामने किसी स्टूडेंट्स को डंडा नहीं मारा गया। मैं इस बात की प्रत्यक्ष गवाह हूं। बात रही पूरे प्रकरण की तो स्टूडेंट्स ने मेरे सामने ताला तोड़ने की गलती को स्वीकार किया है। स्टूडेंट्स ने इलीगल काम किया है।

- रितु पुनिया, एसीएम-ब्

वीसी अगर आईपीएस हैं तो पुलिस के साथ मिलकर अपनी तानाशाही रवैया नहीं चला सकते। हम अभी भी मांगों पर खड़े हैं। इसके लिए अगर हमें राज्यपाल से भी मिलना पड़ा ता मिलेंगे।

- अंकित चौधरी, अध्यक्ष, डीएन कॉलेज स्टूडेंट्स यूनियन

जिस तरह से पुलिस ने स्टूडेंट्स पर लाठियां बरसाई गई वो काफी गलत है। स्टूडेंट्स की मांग पूरी तरह जायज है। रजिस्ट्रार के न होने से स्टूडेंट्स को काफी नुकसान हो रहा है।

- अमित राणा, पूर्व अध्यक्ष, मेरठ कॉलेज स्टूडेंट्स यूनियन

यूनिवर्सिटी की ओर से हमेशा गलतियां होती हैं। वहीं स्टूडेंट्स कभी-कभी गलतियां करते हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स पर लाठियां बरसाना काफी गलत है।

- राहुल कस्थला, छात्र नेता

आज जिस तरह से स्टूडेंट्स पर लाठीचार्ज किया गया उसके पूरी तरह से जिम्मेदार वीसी हैं। एक महीने से जिस तरह से रजिस्ट्रार का कार्यालय बंद हैं। उससे स्टूडेंट्स काफी परेशान हैं। उनकी समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है। ऐसे में स्टूडेंट्स की मांग पूरी तरह जायज है।

- अंकुर राणा, बीजेपी नेता

स्टूडेंट्स पर इस तरह से लाठीचार्ज पुलिस ने अपनी निर्दयता का सबूत दिया है। स्टूडेंट्स की अपनी मांग पूरी तरह से जायज है।

- नितेश तोमर, प्रांत संगठन मंत्री, एबीवीपी

चीफ प्रॉक्टर के अडि़यल रवैये और पुलिस की तानाशाही के चलते परिसर में छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ है। इसकी हम निंदा करते हैं।

- भावेश चौधरी, अध्यक्ष, एबीवीपी यूनिवर्सिटी यूनिट

लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जाए, अन्यथा वह आंदोलन करेंगे।

चिराग गुप्ता, महानगर मंत्री, एबीवीपी