- सभी जिलों से हाईकोर्ट बेंच के लिए साथ देने की मांग

- सभी संगठन भी आएंगे साथ, धरना प्रदर्शन में देंगे साथ

Meerut: हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर कचहरी में वकीलों की हड़ताल लंबे समय से चली आ रही है। इसको लेकर पश्चिम यूपी के सभी जिले लगे हुए हैं। इस संबंध में वकीलों की पहले भी कई बार मीटिंग हुई और रणनीतियां बनीं। बागपत में भी मीटिंग के दौरान वेस्ट के सभी जिलों से प्रतिनिधि शामिल हुए थे, जहां हाईकोर्ट बेंच संबंधी कुछ निर्णय लिए गए थे। साथ ही तीन दिन काम करने का भी निर्णय लिया गया था। बसंत पंचमी के दिन एक बार फिर वकील इकट्ठा हुए और मीटिंग आयोजित की, जिसमें सभी अन्य विभागों से संगठनों को शामिल किया गया।

यह रहा मामला

मेरठ में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर कई बार हाथ उठे। वकीलों ने कई बार कचहरी बंद कराई और हंगामा व तोड़फोड़ जैसी घटना हुई, लेकिन इस बार वकीलों ने हाईकोर्ट बेंच लेने की ठान ली है। इसके लिए भले ही उनको कुछ भी करना पड़े। शुरुआत में वकीलों ने हड़ताल में दो दिन की राहत पब्लिक को दी थी। इसके बाद भी मामला जस का तस रहा और पूरे सप्ताह हड़ताल की प्रक्रिया चलती रही। क्7 जनवरी को बागपत में वेस्ट के सभी जिलों के वकील प्रतिनिधि जुटे और अहम फैसले लिए गए, जिसमें तीन दिन काम करने की बात पर सहमति हुई।

यह हुआ था

गत तीन जनवरी को हुई एडवोकेट्स की बैठक में निर्णय हुआ था कि कचहरी में दो दिन मंगलवार और बुधवार को काम होगा। बाकी चार दिन हड़ताल रखी गई। हड़ताल के इन चार दिनों में दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन का निर्णय हुआ था। जहां हर रोज ग्यारह लोगों द्वारा दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना देने की बात तय हुई, जिसको लेकर हाईकोर्ट बेंच संबंधी बनाई गई समिति को कोर्ट ने भंग करते हुए मेरठ के एक लाख से अधिक केस मुरादाबाद और दूसरे जिलों के ट्रांसफर कर दिए थे।

एक बार फिर रणनीति

हाईकोर्ट के द्वारा यहां के केसेज दूसरे जिले की अदालत में ट्रांसफर करने का विरोध करते हुए वकीलों ने पूरे सप्ताह हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया था। इसके बाद केंद्रीय संघर्ष समिति की बैठक बागपत में क्7 जनवरी को आयोजित की गई, जिसमें वेस्ट के सभी जिलों के एडवोकेट्स के डेलीगेट्स शामिल हुए थे। इस दौरान मेरठ सहित सभी जिलों में तीन दिन सोमवार, मंगलवार और बुधवार को काम करने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद मेरठ में कुछ काम हुआ, लेकिन पूर्ण तीन दिन काम नहीं हो पाया। बाकी जिलों में तीन दिन काम किया जा रहा है।

अब यह हुआ निर्णय

शनिवार को कचहरी परिसर में हुई मीटिंग के दौरान एडवोकेट्स के साथ जिले के दूसरे डिपार्टमेंट्स संगठन भी शामिल हुए। एडवोकेट रामकुमार शर्मा का कहना है कि इस दौरान व्यापारी संगठन, किसान संगठन, छात्र संगठन और शिक्षक संगठन भी मौजूद रहे। जिन्होंने वकीलों का साथ देने का निर्णय लिया है। अभी हड़ताल लगातार चलेगी और ये सभी संगठन वकीलों के धरना प्रदर्शन में भी साथ देंगे। जब भी धरना-प्रदर्शन का बड़ा कार्यक्रम होगा तभी इन संगठनों से बातचीत की जाएगी। इस दौरान एडवोकेट तरुण ढाका, नरेश गुर्जर, सलाउद्दीन गाजी, गजेंद्र धामा, सुशील शर्मा, नीरज त्यागी, कृष्ण पहल, प्रभोज शर्मा और देवकरण शर्मा सहित काफी एडवोकेट्स मौजूद रहे।